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वॉर्डन ने लड़कियों के हाथ पर रखे अंगारे

बिहार के बेगूसराय में मोबाइल चोरी का आरोप लगाकर स्कूल की वॉर्डन ने बच्चियों के हाथो को अंगारों से दाग दिया. मामला बीती 17 सितंबर की शाम का है. बेगूसराय के खोदावंदपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की वॉर्डन कहकशां नाज़ को अपना मोबाइल नहीं मिला. उसके बाद उन्होंने जो किया वो किसी के […]

बिहार के बेगूसराय में मोबाइल चोरी का आरोप लगाकर स्कूल की वॉर्डन ने बच्चियों के हाथो को अंगारों से दाग दिया. मामला बीती 17 सितंबर की शाम का है.

बेगूसराय के खोदावंदपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की वॉर्डन कहकशां नाज़ को अपना मोबाइल नहीं मिला. उसके बाद उन्होंने जो किया वो किसी के रौंगटे खड़े कर देने के लिए काफी है.

स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ने वाली मनीषा उस रात को याद करते हुए बताती हैं, "मैम ने हम सबको लाइन में खड़ा किया और कोयला हाथ पर रख दिया. कुछ बच्चों ने कोयला गिरा दिया लेकिन मैं और मेरी बहन निशा जो आठवीं में पढ़ती है, दोनों ने कोयला हाथ में रखे रखा. हमारा दायां हाथ जल गया है और खाना मुश्किल से खा पा रहे हैं."

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‘तंत्र-मंत्र वाले चावल खिलाए गए’

दरअसल, ये पूरा मामला तब सामने आया जब बच्चियों ने स्कूल की हेडमास्टर से इसकी शिकायत की.

हेडमास्टर अख़्तरी बेगम बताती हैं, "18 तारीख की सुबह मेरे पास बच्चियां आईं तो उनके चेहरे उदास थे. मैंने उनसे पूछा कि क्या उन्हें खाना नहीं मिला है, तो उन्होंने कहा मिला है लेकिन उसके बाद ही रुआंसी होकर मुझे सारी बात बताई. उन्होंने बताया कि उन्हें एक लाइन में खड़ा करके उनके हाथ पर गर्म कोयला रखा गया और सुबह तांत्रिक को बुलाकर तंत्र-मंत्र वाले चावल खिलाए गए. वॉर्डन ने कहा कि जिसने मोबाइल चोरी किया है वो खून की उल्टी करेगा."

18 सितंबर को घटना की सूचना मिलते ही शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को इसकी ख़बर अख़्तरी ने दी. खोदावंदपुर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी वैद्यनाथ प्रसाद ने बीबीसी को फोन पर बताया, "घटना सत्य पाई गई है और उचित कार्रवाई की जा रही है."

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वॉर्डन कहकशां फरार

गौरतलब है कि घटना के बाद से ही आरोपी वॉर्डन कहकशां नाज़ फरार है. बता दें इस कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय में 90 बच्चियों के रहने की व्यवस्था है. हेडमास्टर अख़्तरी बेगम के मुताबिक, विद्यालय में 51 बच्चियां रहती थीं लेकिन घटना के बाद सिर्फ 17 बच्चियां रह गई हैं जिनके चेहरे पर ख़ौफ़ साफ़ पढ़ा जा सकता है.

ज़ाहिर तौर पर इस घटना के बाद अभिभावक भी गुस्से में है. पेशे से किसान नंद किशोर यादव जोगीजी गांव के रहने वाले हैं और मनीषा के पिता हैं.

वो कहते हैं, "21 तारीख को मनीषा और निशा अपने आप घर चली आई. हमने देखा कि वो खाना नहीं खा रही है, जब पूछा तो सारी घटना के बारे में मालूम चला. अब हम इसकी शिकायत थाने में करेंगे. हम भरोसे के साथ अपनी बच्ची को स्कूल भेजते हैं और स्कूल वाले हमारी बच्ची का मर्डर करने को तैयार हैं."

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