खगड़िया : भरतखंड एपीएचसी में एएनएम के साथ छेड़छाड़ मामले में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने जांच के आदेश दिये हैं. प्रधान सचिव ने डीएम को पत्र भेज पूरे मामले में जांच कर रिपोर्ट तलब किया है. डीएम कार्यालय के गोपनीय प्रभारी संजीव कुमार ने बताया कि प्रधान सचिव के निर्देशानुसार पूरे मामले की जांच के आदेश दिये गये हैं. इधर, पीड़ित एएनएम के अनुसार थाने में 10 दिन पहले आवेदन देने के बाद भी पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने में आनाकानी कर रही है. छेड़छाड़ प्रकरण का मामला गरमाने के बाद प्रभारी मंत्री कपिलदेव कामत ने निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिलाया था.
पीड़ित एएनएम ने आवेदन देकर कहा है कि मई महीने से सिविल सर्जन से पूरे मामले की शिकायत करने पर चुप रहने की हिदायत दी गयी. यह भी कहा गया कि उनका तबादला अलौली या बेलदौर के सुदूर इलाके में कर दिया जायेगा. इस बीच मामला ठंडा पड़ने पर पीड़ित एएनएम का तबादला भरतखंड एपीएचसी से पसराहा में कर मामले को दबा दिया गया. एएनएम ने कहा कि आरोपित चिकित्सक सिविल सर्जन के रिश्तेदार हैं. इसलिए स्थानीय स्तर पर पांच महीने तक मामले को दबाया गया.
थाने में प्राथमिकी के लिए 10 दिन पूर्व आवेदन देने के बाद भी चिकित्सक पर प्राथमिकी दर्ज करने में टाल-मटोल की जा रही है. जल्द ही मुंगेर डीआइजी से मिलकर न्याय की गुहार लगायेंगे. आरोपित चिकित्सक सिविल सर्जन का रिश्तेदार है. इसके कारण जिला स्वास्थ्य विभाग से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है. मामला मैनेज करने व चुप रहने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है.
पीड़ित एएनएम.
भरतखंड एपीएचसी में तैनात एक एएनएम द्वारा लगाये गये आरोपों की उच्चस्तरीय जांच के लिए स्वयं सीएस सहित मंत्री से अनुरोध किया है. उनके ऊपर लगाये गये गलत आचरण व छेड़छाड़ के आरोप बेबुनियाद हैं. समय पर ड्यूटी नहीं आना, काम में लापरवाही में कड़ाई करने पर तत्कालीन एएनएम ने ड्यूटी से बचने के लिए उनके ऊपर छेड़छाड़ सहित कई मनगढ़ंत आरोप लगाये हैं.