गुवाहाटी : नोबेल पुरस्कार से सम्मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने बाल तस्करी सहित मानव तस्करी के खिलाफ कठोर कानून की वकालत करते हुए शनिवार को कहा कि बच्चे अब देश में कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने अपनी भारत यात्रा अभियान के मेघालय चरण को रवाना करते हुए यहां कहा कि इस अभियान की प्रमुख मांगों में संसद द्वारा बाल तस्करी सहित मानव तस्करी के खिलाफ कठोर कानून पारित करने की मांग शामिल है.
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सत्यार्थी ने कहा कि उन्होंने बलात्कार, यौन उत्पीड़न तथा बाल तस्करी जैसे अपराधों के खिलाफ युद्ध की घोषणा की है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि भारत यात्रा अभियान भारत को बच्चों के लिए फिर से सुरक्षित बना देगा.
उन्होंने कहा कि मैं इस बात को नहीं मान सकता कि हमारे बच्चों की मासूमियत, मुस्कुराहट और आजादी लगातार छीनी जा सकती है और उनका दमन किया जा सकता है. ये आम अपराध नहीं हैं. यह हमारे देश को प्रभावित कर रही एक नैतिक महामारी है.
सत्यार्थी ने कहा कि हमारे बच्चे घरों, स्कूलों या आसपड़ोस या कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं. इस तरह की घटनाओं के गुनहगार आजाद घूमते हैं. हम चुपचाप यह सब देखते नहीं रह सकते.
मेघायल के खेल एवं युवा मामलों के मंत्री जेनिथ एम संगमा ने सत्यार्थी के अभियान की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार बच्चों के अनुकूल समाज के निर्माण में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.