आधार जारी करने वाले प्राधिकार यूआईडीएआई ने अपने ग्राहकों की समुचित सहमति लिए बिना ही कथित तौर पर भुगतान बैंक खाते खोलने के लिए भारती एयरटेल व एयरटेल पेमेंट्स बैंक को नोटिस जारी किया है.
आरोप है कि एयरटेल अपने यहां आधार आधारित मोबाइल सिम वेरीफिकेशन के लिए आने वाले ग्राहकों के एयरटेल पेमेंट बैंक एकाउंट खोल रही है और इस बारे में ग्राहकों की सहमति भी नहीं ली जाती.
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकार (यूआईडीएआई) द्वारा जारी नोटिसों के अनुसार ग्राहकों की सहमति नहीं लेना व उन्हें सत्यापन के उद्देश्य के बारे में सही ढंग से नहीं बताया जाना, नियमों का उल्लंघन है और वित्तीय दंड के साथ दंडनीय है. प्राधिकार ने भारती एयरटेल व इसकी भुगतान बैंक इकाई से कहा है कि वह तत्काल सुधारात्मक कदम उठाये और इस बारे में उसे सूचित करे.
एयरटेल के प्रवक्ता ने कहा कि पेमेंट बैंक पूरी तरह से रिजर्व बैंक व यूआईडीएआई के निर्देशों का पालन कर रहा है और ग्राहकों की सहमति लेने की कड़ी प्रक्रिया का पालन करता है.
कंपनी ने ईमेल से भेजी अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि एयरटेल पेमेंट्स बैंक के खाते ग्राहकों की समुचित सहमति लेने के बाद ही खोले जाते हैं. हम अपने ग्राहकों को और शिक्षित करेंगे तथा प्रक्रिया को और मजबूत बनायेंगे.
यूएडीएआई के नोटिसों के अनुसार, यह देखने में आया हैकि एयरटेल के रिटेलर आधार ई केवाईसी सत्यापन करते समय कथित तौर पर ग्राहकों के भुगतान बैंक खाते भी खोल रहे हैं. वे न तो ग्राहकों को समुचित जानकारी देते हैं और न ही उनकी पूरी सहमति लेते हैं.
कुछ शिकायतें तो ऐसी भी मिली हैं कि एयरटेल ने बिना सहमति के भुगतान बैंक खाते खोल दिये और उन्हें एलपीजी सब्सिडी पाने के लिए अधिकृत भी कर दिया. यूआईडीएआई के प्रवक्ता ने संपर्क करने पर इस मामले में टिप्पणी से इनकार किया.
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