कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने दुर्गाप्रतिमा विसर्जन के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद इस संबंध में राज्य की ममता बनर्जी सरकार के फैसले को खारिज दिया. कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार के फैसलों पर नाराजगी जतायी, जिसमें कहा गया था कि 30 सितंबर को ही दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन कर दिया जायेयाफिर दो अक्तूबर या उसके बाद किया जाये, क्योंकि एक अक्तूबर को मुहर्रम पड़ रहा है. अदालत ने ममता सरकार को फटकार लगाते हुए कहा किप्रतिमाओं का विसर्जन एक अक्तूबर को भी किया जा सकता है.एक अक्तूबर को रविवार का दिन पड़ रहा है और इस दिन मुहर्रम भी है.हाइकोर्ट ने पुलिस को सुरक्षा के इंतजाम करने के भी निर्देश दिये हैं.
न्यायमूर्ति राकेश तिवारी एवं न्यायमूर्ति हरीश टंडनकीखंडपीठ ने कहा है कि प्रतिमा विसर्जन एवं मोहर्रम केतजिये के लिए अलग-अलग रूटका प्रबंध किया जाये और ये दोनोंएकदूसरे कोओवरलेप नकरें.खंडपीठ ने कहा कि पुलिस तुरंत कानून व्यवस्थाके मद्देनजर जरूरी कदम उठाये.
Calcutta HC allows Durga idols' immersion till 12am on all days incl Muharram,asks Police to ensure routes are designated fr immersion&Tazia pic.twitter.com/QzrDvWJOiQ
— ANI (@ANI) September 21, 2017
इससे पहलेपश्चिम बंगाल कीममता बनर्जी सरकार को अदालत ने फटकार लगायी.अदालत ने कहा किआप दो समुदायों को अलग कर रहे हैं. अदालत ने कहा कि दोनों समुदायाें में कभी ऐसी स्थिति नहीं बनी, दोनों को साथ रहने दीजिए.
राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को अदालत से कहा था कि इसने 30 सितंबर को विजय दशमी के दिन विसर्जन की समय सीमा शाम छह बजे से बढ़ा कर रात 10 बजे करने का फैसला किया है. सरकार ने अदालत को बतायाथा कि इसके बाद प्रतिमाओं का दो अक्तूबर से विसर्जन करने की इजाजत होगी. एक अक्तूबर को प्रतिमाओं के विसर्जन की इजाजत नहीं होगी, जब मुहर्रम मनाए जाने का कार्यक्रम है.
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