पटना : बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने भागलपुर जिला में कल ट्रायल रन के दौरान पानी के अधिक दबाव के कारण गंगा नदी पंप नहर योजना के बांध की दीवार के अचानक टूट जाने की घटना के बाद उस पर राजनीति जारी है. सबसे पहले लालू यादव ने यह कहकर बिहार सरकार पर हमला बोला कि अब बांध को घड़ियाल ने तोड़ दिया. वहीं तेजस्वी यादव ने चूहों को भ्रष्टाचारी बताकर बांध के टूट जाने की बात कही. अब, इस कड़ी में तेज प्रताप यादव भी शामिल हो गये हैं. तेज प्रताप यादव ने ट्वीट कर कहा है कि 828 करोड़ रुपये का बांध टूट गया. बिहार में बाढ़ राहत के रोजाना घोटाले हो रहे हैं. तेज प्रताप ने जल संसाधन विभाग और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए लिखा है कि पता नहीं जल संसाधन विभाग पर जीरो टॉलरेंस वाले का नाक, कान, आंख, मुंह सब बंद क्यों हो जाता है. तेजस्वी ने लोगों को शारदीय नवरात्र की शुभकामना देते हुए लिखा है कि सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सवार्थसाधिके. शरण्ये त्रयंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते. तमाम देशवासियों को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं.
828 करोड़ का बांध टूट गया,बाढ़ राहत में रोजाना घोटाले
पता नहीं जल संसाधन वि. पर 0टोलेरेंस वाले का नाक,कान,आँखें,मुंह सब बंद क्यूँ हो जाता है— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) September 20, 2017
इससे पूर्व बांध टूटने को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी राजद को नीतीश सरकार के खिलाफ हथियार मिल गया और राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने नहर का निर्माण ठीक से नहीं कराये जाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि यह नीतीश सरकार के भ्रष्टाचार का जीता जागता सबूत है. उन्होंने बिहार सरकार पर कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया कि तटबंधों में चूहों द्वारा सुराख कर दिये जाने के कारण प्रदेश में इस साल अचानक बाढ़ आयी और अब क्या मगरमच्छ ने अपने मुंह से उक्त नहर की दीवार तोड़ दी. लालू द्वारा जल संसाधन मंत्री के इस्तीफे की मांग को तवज्जो नहीं देते हुए ललन ने कहा कि उन्हें दूसरों को नैतिकता की पाठ पढ़ाने के बजाए पहले अपनी नैतिकता की बात करनी चाहिए. जदयू के बागी नेता शरद यादव ने भी इस हादसे पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूछा है कि क्या कभी ऐसी घटना घटी है कि किसी परियोजना का उद्घाटन एक दिन पहले उसकी बांध के टूटने जाने के कारण नहीं हो पाया.
हालांकि, सरकार ने इस मामले के जांच के आदेश दे दिये हैं. विभागीय मंत्री ललन सिंह मीडिया को बता चुके हैं कि मामले की जांच में जो भी विभागीय कर्मी दोषी पाये जायेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. सिंह ने कहा कि एनटीपीस द्वारा नहर के नीचे से रास्ता बनाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया था या नहीं, इसकी भी जांच की जायेगी. उन्होंने कहा कि सभी कमियों को दूर कर इस नहर पंप का उद्घाटन अब दो महीने के बाद किया जायेगा.
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