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शारदीय नवरात्र के लिए सज गये बाजार

छपरा : शारदीय नवरात्र के लिए बाजार तैयार हो गया है. गुरुवार नवरात्र शुरू हो रहा है. घर-घर में घट स्थापना के साथ माता का सोलह शृंगार होगा. इसके लिए बाजार में दुर्गा मां के शृंगार की किट काउंटरों में छा गयी है. जरी वर्क में सुनहरी गोटे में मां की चुनरी पर सभी की […]

छपरा : शारदीय नवरात्र के लिए बाजार तैयार हो गया है. गुरुवार नवरात्र शुरू हो रहा है. घर-घर में घट स्थापना के साथ माता का सोलह शृंगार होगा. इसके लिए बाजार में दुर्गा मां के शृंगार की किट काउंटरों में छा गयी है. जरी वर्क में सुनहरी गोटे में मां की चुनरी पर सभी की नजर गड़ रही हैं. इसमें वाराणसी व वृंदावन में तैयार होने वाली मां की चुनरी में मोती,

सितारे व सुनहरी गोटे ने खूबसूरती और बढ़ा दी है, जो माता के दरबार की भव्यता में चार चांद लगायेंगी. पचास रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक की चुनरी बाजार में है. यही नहीं मां के शृंगार की किट भी गोटा दुकानदारों से लेकर मुहल्ले के किराना दुकानों के काउंटरों में सज गयी है. इस किट में चूड़ी, बिछुए, नथ, केश, शीशा, कंघी, सिंदूर, छत्र व चुनर समेत सोलह आइटम इस किट में हैं. मंदिरों में माता के दर्शन करने के लिए इस किट की खरीदारी खूब होती है.

माता की चौकी भी डिजाइनर : माता की चौकी को भी डिजाइनर बना दिया है. हर साइज में माता की चौकी है. इस पर ही प्रतिमा व कलश स्थापित की जायेगी. चौकी पर नक्काशी देखने लायक है. सिल्वर रंग की चादर इस चौकी पर चढ़ी हुई है. अलग-अलग साइज में यह चौकी है, जिस पर माता की प्रतिमा विराजमान होगी. फूलों की मालाएं भी खूब आयी हैं. घट स्थापना के साथ माता के माथे पर मुकुट भी सुशोभित होगा. सर्राफा बाजार में काउंटरों पर चांदी के छत्र भी सज गये हैं.
चार सौ से दो हजार रुपये तक के चांदी के छत्र सर्राफा बाजार में हैं. माता वैष्णो देवी के दर्शनों को जो लोग जाते हैं, वह चांदी का छत्र चढ़ाते हैं. थावे मंदिर में मां को भी चांदी का छत्र चढ़ाने को लंबी कतारें लगती हैं. दो ग्राम से लेकर पांच ग्राम तक की सोने की परत में माता की प्रतिमाएं हैं.
नवरात्र के पहले दिन करें घट स्थापना शक्ति की अधिष्ठात्री भगवती दुर्गा की उपासना-आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्र इस बार 21 सितंबर से शुरू हो रहा है. व्रत-पूजन विधान 29 सितंबर (महानवमी) तक चलेंगे. इस बार नवरात्र में पूरे नौ दिन मिलेंगे. पहले नवरात्र के दिन लोग अपने घर में कलश स्थापित करते हैं. हर चीज का शुभ मुहूर्त होता है लेकिन जब चाहे पूजा कर सकते हैं. नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना करें. इसके बाद लगातार नौ दिनों तक मां की पूजा व उपवास करें. आठवें या नवें दिन अपनी-अपनी मान्यता के अनुसार कन्या पूजन के पश्चात उपवास खोलें.
अभिजित मुहूर्त में होगा कलश स्थापन
हरिहरनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक सुशील चंद्र शास्त्री व अर्चक मद्रासी बाबा के अनुसार शारदीय नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रतिपदा अर्थात 21 सितंबर को कलश स्थापन तथा ध्वजारोपण के लिए शुभ समय स्थिर लग्न सिंह प्रात: 5:38 के पहले करना श्रेयस्कर होगा. इस समय में जो लोग कलश स्थापन न कर पाएं, किसी भी हालत में सुबह 9:57 से पहले अवश्य कर लेना होगा. इसके अलावा महानिशा पूजा 27 सितंबर को और महाअष्टमी व्रत 28 सितंबर को होगा. 29 सितंबर को नवमी पर होम, चंडा देवी की पूजा और बलिदान आदि करना चाहिए. नवरात्र व्रत का पारन 30 सितंबर विजयादशमी को प्रात: किया जायेगा या 29 सितंबर को रात 9:22 के बाद भी किया जा सकता है. महाअष्टमी व्रत पारन 29 सितंबर को या 28 सितंबर को रात 7:27 बजे के बाद किया जा सकता है. संपूर्ण नवरात्र व्रत करने वालों का पारन 30 सितंबर को प्रात: या 29 को रात 9:22 बजे के बाद भी किया जा सकता है.
पूजन-दर्शन और उपवास
21 सितंबर – सुबह 9:57 बजे तक प्रतिपदा – शैलपुत्री दर्शन
22 सितंबर – सुबह 10:05 बजे तक द्वितीय – ब्रह्मचारिणी देवी दर्शन
23 सितंबर – सुबह 10:46 बजे तक तृतीया, चंद्रघंटा देवी दर्शन
24 सितंबर – सुबह 11:51 बजे तक चतुर्थी – कूष्मांडा
25 सितंबर – दोपहर 1:26 बजे तक पंचमी – स्कंदमाता देवी दर्शन
26 सितंबर – दोपहर 3:18 बजे तक षष्ठी, कात्यायनी देवी दर्शन
27 सितंबर – शाम 5:23 बजे तक सप्तमी, कालरात्रि दर्शन
28 सितंबर – शाम 7:27 बजे तक अष्टमी, महागौरी
29 सितंबर – रात 9:22 बजे तक महानवमी, सिद्धिदात्री देवी दर्शन

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