नयी दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अमेरिका कीयोजनाबद्ध यात्रा पूरा करभारत लौटने वाले हैं.आम तौर पर गुपचुप विदेश के दौरे पर जाने वाले राहुल गांधी की इस बार की यात्रा के बारे में उनके कार्यालय ने मीडिया में पूरी जानकारी दी और बड़े सलीके से अमेरिका में उनके लगभग हर कार्यक्रम व भाषण की खबरें मीडिया में जारी की गयीं. अमेरिका में दिये उनके कई बयान और भारत व नरेंद्र मोदी सरकार को लेकर उठाये गये सवाल सुर्खियां बनीं. उन्होंने देश की राजनीति, कूटनीति, आंतरिक सुरक्षा, कश्मीर मुद्दा, परिवारवाद, अर्थव्यवस्था, चीन,असहिष्णुता, बेरोजगारी हर मुद्दे पर बोला.इसदौरान वे वाशिगंटन डीसी गये, उद्योगपतियों से मिले, बर्केले,कैलीफोर्निया व प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी में छात्रोंको संबोधित किया. एक बड़ेअखबार के पत्रकारों से ऑफ रिकार्ड बातचीत की.अब जब वे स्वदेश लौटेंगे तो उनके बयानों पर राजनीतिक लड़ाई तेज हो सकती है. भारतीय जनता पार्टी राहुल गांधी को निशाने पर ले सकती है.उनकी दो सप्ताह की इस इस यात्रा को कांग्रेस के अध्यक्ष या कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में उनकी ताजपोशी की रूपरेखा के रूप में देखा गया. कांग्रेस के बड़े नेता विरप्पा मोइलीने इसदौरान मीडिया में कहा है कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचन प्रक्रिया के जरिये बनना चाहते हैं और उन्होंने उम्मीद जतायी है कि अक्तूबर तक ऐसा हो सकता है.
It was a pleasure meeting you, Governor @TerryMcAuliffe
Enjoyed our discussion https://t.co/6cns2WAraB— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 19, 2017
सैमा पित्रोदा के बयान के क्या हैं मायने?
अमेरिका में उनके साथ गये उनके विशेष सलाहकार सैम पित्रोदा ने कहा: वहां के लोगों ने कहा हैकि राहुल गांधी के बारे में जैसा बताया गया है, वह उससे बिलकुल विपरीत हैं, वे तर्कपूर्ण व गंभीरता से बात सुनने वाले हैं. पित्रोदा का यह बयान यह संकेत देता है कि कांग्रेस के अंदर यह अहसास घर किया हुआ है कि उसके उपाध्यक्ष व भावी अध्यक्ष की छवि की गंभीरता पर देश के अंदर सवाल तो हैं ही. सैम पित्रोदा ने यह भी कहा है कि राहुल गांधी के विरोधियों द्वारा नियुक्त किये गये लोग उनकी नकारात्मक छवि बना रह हैं. इससे यह साफ पता चलता है कि राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा उनकी छवि के मेकओवर का एक प्रयास है.
राहुल के भारत लौटने पर क्या हो सकता है?
राहुल गांधी जब भारत लौटेंगे तो आरंभिक दिनों में वे कुछ अहम सांगठनिक फैसले लेते दिख सकते हैं. इसमें बिहार व हिमाचल प्रदेश इकाई को लेकर जारी विवाद अहम मुद्दा है और उसके बाद वे रणनीतिक रूप से नीतिगत फैसलों की ओर बढ़ते दिख सकते हैं. राहुल गांधी ने अमेरिका में जितने आक्रामक अंदाज में घरेलू मुद्दों को उठाया है, उससे यह संभावना बेहद मजबूत है कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी उनके लौटने पर उनसे सवाल पूछेगी.
30,000 youngsters enter the job market everyday and only 450 jobs are provided pic.twitter.com/4IiH1cTyTV
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 20, 2017
इस बात का संकेत कल भाजपाके रणनीतिकार वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दे दिया. कल उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि उन्हें तब शर्म आयी, जब राहुल गांधी ने विदेशी धरती पर देश के संंबंध में सवाल उठाये. जेटली का यह बयान राहुल के सवालों पर देश में राजनीतिक लड़ाई छिड़ने के रूप में देखा जाना चाहिए. और यह तब और जरूरी हो जाता है जब गुजरात व दूसरे राज्यों में चुनाव होने हैं. जेटली के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी राहुल गांधी के वंशवाद वाले बयान पर हमला बोला और कहा यह देश की नहीं कांग्रेस की परंपरा हो सकती है और सब जानते हैं कि कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा.
राहुल गांधी के पांच बड़े बयान जिस पर उठ सकते हैं सवाल
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पद के लिए पहली बार सार्वजनिक रूप से अमेरिका जाकर दावेदारी जतायी. आम तौर पर घरेलू राजनीति पर देश के अंदर बयान देने की परंपरा रही है.
राहुल गांधी ने अमेरिका में परिवारवाद के राजनीति, मनोरंजन सहित अन्य क्षेत्रों में उदाहरण दिये और कहा कि भारत ऐसे ही चलता है और मेरे पीछे नहीं पड़ें. इस परसत्तापक्ष उनसे स्वदेश लौटने पर सवाल पूछ सकता है.
भारत में सहिष्णुता हाल के सालों में एक व्यापक विमर्श का मुद्दा बन चुका है. अमेरिका में वाशिंगटन पोस्ट की संपादकीय टीम के साथ की गयी ऑफ दी रिकार्ड बातचीत में राहुलगांधी ने दुनिया सहित भारत की असहिष्णुता पर सवाल उठाया. कांग्रेस को इस मुद्दे पर भाजपा के हमलों का सामना करना पड़ सकता है.
Cities aren't equipped to handle migration. We aren't spending enough on healthcare & education. These are the central problems India faces
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 20, 2017
प्रिंसटन विश्वविद्यालय में उन्होंने छात्रों को संबोधित करते बेरोजगारी की समस्या का उल्लेख किया और कहा कि हर दिन 30 हजार बेरोजगार आ रहे हैं और मात्र 450 नौकरियां प्रतिदिन सृजित हो रही हैं.
राहुल गांधी ने कश्मीर मुद्दे को यूपीए सरकार की बड़ी सफलता करार दिया और इस पर भाजपा व मोदी सरकार की नीतियों को विफल करार दिया. कश्मीर संकट को भाजपा परंपरागत रूप से कांग्रेस की देन बताती रही है और इस समस्या के समाधान स्वयं द्वारा करने का दावा करती रही है. इस पर भाजपा कांग्रेस पर हमलावर हो सकती है.
Congress VP Rahul Gandhi will be in conversation with students of @Princeton.Watch live at 2:15am IST 20th Sept
Link:https://t.co/93dlcsSw7u pic.twitter.com/1NC1yRSjc8— Congress (@INCIndia) September 19, 2017
http://www.prabhatkhabar.com/news/politics/rahul-gandhi-indian-national-congress-prime-minister-of-india-united-states-of-america/1054588.html
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