केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी नये निर्देश में कहा है कि स्कूल में बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी तरह स्कूल प्रबंधन की है. यह प्रत्येक बच्चे का अधिकार है कि वह भय मुक्त माहौल और सुरक्षित वातावरण में शिक्षा प्राप्त करे. उनका किसी भी तरह शारीरिक या मानसिक शोषण या प्रताड़ना न हो सके.
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सुरक्षा के दिशा निर्देश लागू करने के लिए मिला दो माह का समय, सीबीएसइ ने स्कूलों के लिए जारी की नयी गाइड लाइन
देवघर : गुरुग्राम, हरियाणा के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के बाथरूम में सात साल के प्रद्युम्न की हत्या के बाद सीबीएसइ ने सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों के प्रबंधन को सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है. सीबीएसइ की नयी गाइड लाइन को सख्ती से लागू करने पर देवघर के स्कूलों के प्रबंधन गंभीरता […]
देवघर : गुरुग्राम, हरियाणा के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के बाथरूम में सात साल के प्रद्युम्न की हत्या के बाद सीबीएसइ ने सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों के प्रबंधन को सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है. सीबीएसइ की नयी गाइड लाइन को सख्ती से लागू करने पर देवघर के स्कूलों के प्रबंधन गंभीरता से विचार कर रहे हैं.
सभी स्कूलों के प्रबंधन को निर्देश दिये गये हैं कि दो माह के अंदर सभी सुरक्षा इंतजामों को करने के बाद स्कूल की वेबसाइट पर भी इसकी समुचित जानकारी उपलब्ध करायें. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने स्कूलों में आये दिन हिंसा और प्रताड़ना की होने वाली घटनाओं को देखते हुए अब स्कूलों की सुरक्षा ऑडिट करने का फैसला किया है.
सीबीएसइ की गाइड लाइन
स्कूल प्रबंधन स्कूल परिसर में सभी कमजोर क्षेत्रों एवं प्रमुख बिंदुओं पर सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य रूप से लगायें. स्कूल प्रबंधन को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि सीसीटीवी कैमरा काम कर रहा हो.
स्कूलों के बस ड्राइवर, कंडक्टर, चपरासी व अन्य सहायक कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन करायें. साइकोमेट्रिक मूल्यांकन अनिवार्य रूप से करें.
स्कूल प्रबंधन को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि सहायक कर्मचारियों को केवल अधिकृत एजेंसी से ही लिया गया हो. साथी ही सभी कर्मचारियों का उचित रिकॉर्ड भी हो.
सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अभिभावक-शिक्षक और छात्र समिति का गठन करें. साथ ही छात्रों और माता-पिता से इस संबंध में नियमित रूप से राय लें.
अनजान चेहरों व बाहरी लोगों को स्कूल के भवन तक आने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करनी होगी. यही नहीं वो कहां जा रहे हैं, उसकी सीसीटीवी से निगरानी भी करनी होगी.
कर्मचारियों को उनकी जिम्मेदारियों के बारे में बताना होगा. जिससे अगर वह बच्चों के साथ किसी भी प्रकार का गलत व्यवहार होता देखें तो उनकी रक्षा कर सकें.
स्कूल के नोटिस बोर्ड पर स्कूल द्वारा बनायी गयी समितियों की जानकारी लगाना सुनिश्चित करें.
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