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तमांग को अहमियत देने का सवाल ही नहीं : दिलीप

विनय तमांग का पहाड़ पर नहीं है कोई जनाधार दिल्ली दौरे से नहीं होनेवाला है कोई फायदा पहाड़ शांत करने के लिए ममता को करनी चाहिए पहल कोलकाता :प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि न जाने कौन-सा मंत्र ममता बनर्जी से लेकर विनय तमांग एंड टीम गृहमंत्री से मिलने दिल्ली गयी है. […]

विनय तमांग का पहाड़ पर नहीं है कोई जनाधार
दिल्ली दौरे से नहीं होनेवाला है कोई फायदा
पहाड़ शांत करने के लिए ममता को करनी चाहिए पहल
कोलकाता :प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि न जाने कौन-सा मंत्र ममता बनर्जी से लेकर विनय तमांग एंड टीम गृहमंत्री से मिलने दिल्ली गयी है. उनके ख्याल से उसे तवज्जो देने की कोई खास जरूरत नहीं है, क्योंकि वह ममता बनर्जी द्वारा प्रायोजित पहाड़ के जनाधारविहिन नेता हैं. हालांकि गृहमंत्री राजनाथ सिंह सभी से मिल रहे हैं और इनसे भी मिलेंगे. लेकिन सवाल उठता है कि उससे फायदा क्या होगा.
अगर ममता बनर्जी वाकई पहाड़ में शांति स्थापित करना चाहती हैं, तो उन्हें खुद पहल करनी चाहिए. और बातचीत का रास्ता गोरखा जनमुक्ति मोर्चा से शुरू करनी चाहिए. यह उनके द्वारा लगायी गयी आग है, जिसे बुझाने की कोशिश उन्हें ही करनी होगी.
बंगाल को अशांत करने पर तुली हुई हैं सीएम
दिलीप घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री मानसिक रूप से परेशान हैं और उनकी परेशानी का खामियाजा पूरे प्रदेश को उठाना पड़ रहा है. उदाहरण के तौर पर शांत पहाड़ को अशांत करने के बाद अब वह विर्सजन के मुद्दे पर पूरे पश्चिम बंगाल को अशांत करने पर तुली हुई हैं. जबकि हिंदू संप्रदाय के लोग अपना त्यौहार कैसे मनायेंगे यह उनकी पंजिका के आधार पर होता है. जिस पर अब वह अपना तुगलकी फरमान लगाने लगी हैं. बिना वजह के वह शस्त्र जुलूस पर पाबंदी लगाने की बात कह रही हैं.
इसका मतलब क्या वह मुहर्रम के जुलूस पर पाबंदी लगायेंगी, क्योंकि दुर्गा पूजा में मां के हाथों में अस्त्र रहता है, बलि भी दी जाती है जिसके लिए शस्त्र पूजा का विधान है. बंगाल में कहीं शस्त्र लेकर जुलूस निकालने की कोई परंपरा नहीं है. कुछ हिंदी भाषी इलाकों में जरूर निकाला जाता है, लेकिन बाकी बंगाल में केवल शस्त्र पूजा होती है. आरएसएस की सभी शाखाओं में शस्त्र पूजा होती है.
इस बार भी होगी. भाजपा किसी के धार्मिक कार्यकलापों में बाधा नहीं देती और न ही किसी बाधा को बर्दाश्त करती है. हिंदू अपने विधान के अनुसार अपना पूजा-पाठ करेंगे. अगर कोई उन्हें रोकता है, तो भाजपा उनके खिलाफ जो बन पड़ेगा, करेगी. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी रोज अपना बयान बदल रही हैं. कभी पहाड़ के मुद्दे पर तो कभी विर्सजन के नाम पर दो संप्रदायों के बीच मतभेद फैलाकर वह अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने की ताक में हैं.

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