रांची : झारखंड में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, मंत्री, नेता प्रतिपक्ष, मुख्य सचेतक, उप मुख्य सचेतक, सचेतक और विधायकों के वेतन व भत्ते में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी गयी. मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसका फैसला लिया गया. बढ़ा हुआ वेतन-भत्ता एक सितंबर 2017 से प्रभावी होगा. इसमें बढ़ोतरी से संबंधित विधानसभा समिति की अनुशंसा के कुछ बिंदुआें पर अपर मुख्य वित्त सचिव ने कटौती कर दी है. कैबिनेट ने इस कटौती को भी स्वीकार कर लिया है. विधायकों के वेतन में 72 हजार, मंत्रियों के वेतन में 1.05 लाख, विधानसभा अध्यक्ष के वेतन में 1.13 लाख की बढ़ोतरी की गयी है.
नेता प्रतिपक्ष को फोन के लिए 10 हजार : कैबिनेट की ओर से मंजूर किये गये प्रस्ताव के अनुसार, मुख्यमंत्री को अब प्रति माह वेतन-भत्ता के रूप में 1.95 लाख रुपये के बदले तीन लाख रुपये मिलेंगे. इसी तरह विधानसभा अध्यक्ष को प्रति माह 1.85 लाख रुपये के बदले 2.98 लाख रुपये मिलेंगे. अध्यक्ष को इसके अलावा प्रति माह टेलीफोन खर्च के रूप में 10 हजार रुपये मिलेंगे. राज्य के मंत्रियों और नेता प्रतिपक्ष को प्रति माह 1.65 लाख रुपये के बदले 2.70 लाख रुपये मिलेंगे. नेता प्रतिपक्ष को टेलीफोन खर्च के रूप में प्रति माह 10 हजार रुपये अलग से दिये जायेंगे.
मुख्य सचेतक, विधायकों की अनुशंसा में कटौती : वित्त विभाग ने मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, मंत्री और नेता प्रतिपक्ष के वेतन-भत्ते में बढ़ोतरी की अनुशंसा को पूरी तरह स्वीकार कर लिया है. मुख्य सचेतक सहित विधायकों को लेकर की गयी अनुशंसा में कटौती की है. मुख्य सचेतक को अब प्रति माह 1.50 लाख रुपये के बदले 2.30 लाख रुपये मिलेंगे. विधानसभा समिति ने इन्हें प्रति माह 2.65 लाख रुपये दिये जाने की अनुशंसा की थी. मुख्य सचेतक को सालाना तीन लाख रुपये का यात्रा कूपन मिलेगा. उप मुख्य सचेतक को अब प्रति माह 1.50 लाख के बदले 2.25 लाख रुपये मिलेंगे. समिति ने इन्हें प्रति माह 2.40 लाख रुपये देने की अनुशंसा की थी. उप मुख्य सचेतक को अब सालाना 1.50 लाख के बदले 2.50 लाख रुपये का रेल कूपन मिलेगा.
विधायकों के निजी सहायक को अब 40 हजार : सचेतक को प्रति माह 1.45 लाख रुपये के बदले अब 2.15 लाख रुपये मिलेंगे. विधायकों को प्रति माह 1.26 लाख रुपये के बदले 1.98 लाख रुपये मिलेंगे. विधायकों के साथ ही उनके निजी सचिव और चपरासी के वेतन आदि में भी बढ़ोतरी की गयी है. इसके तहत अब विधायकों के निजी सहायक को 20 हजार के बदले 40 हजार रुपये और चपरासी को 15 हजार के बदले 25 हजार रुपये मिलेंगे. विधायकों को पत्र-पत्रिकाओं को लिए प्रति माह 1000 के बदले 2000 हजार रुपये मिलेंगे.
17 साल में नौ बार बढ़ चुका है वेतन भत्ता
31. 03. 2001 : मूल वेतन भत्ता विधेयक पारित- इस दिन वेतन के लिए नियमावाली बनी
1. 21.12.2001 : (बढ़ोतरी)
2. 26.08.2002 : संशोधन (बढ़ोतरी)
3. 10.09.2003 : संशोधन (बढ़ोतरी)
4. 21.12.2005 : संशोधन (बढ़ोतरी)
5. 24.08.2006 : संशोधन(बढ़ोतरी)
6. 18.12.2007 : संशोधन(बढ़ोतरी)
7. 27.03.2008 : संशोधन(बढ़ोतरी)
8. 03.09.2011 : संशोधन(बढ़ोतरी)
9. 01.1.2015 : संशोधन (बढ़ोतरी)
अन्य फैसले
कैबिनेट ने सेवा गारंटी अधिनियम में 109 सेवाओं को जोड़ने और 20 को हटाने का फैसला किया. इससे राज्य में अब सेवा गांरटी के दायरे में कुल 289 तरह की सेवाएं शामिल हो जायेंगी.
कैबिनेट ने 4.95 रुपये प्रति यूनिट की दर से 25 साल तक 684.50 मेगावाट सोलर पावर खरीदने के लिए एकरारनामा करने की अनुमति दी. सोलर पावर की खरीद के लिए माधव इंफ्रा प्रोजेक्ट्स, कारवी सोलर पावर, रिन्यू सोलर पावर, ओपीजी पावर जेनेरेशन, सुजियोन एनर्जी और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड से एकरारनामा किया जायेगा.
1400 सरकारी भवनों पर ग्रीड कनेक्टेड रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाया जायेगा. इस योजना में जिन सरकार भवनों को शामिल किया गया है, उनमें 187 सीएचसी, 329 पीएचसी, 203 कस्तूरबा गांधी विद्यालय, 400 पुलिस थाने, 20 प्रमंडलीय कार्यालय,20 पहाड़िया विद्यालय, 60 एसटी आवासीय विद्यालय, 16 एससी आवासीय विद्यालय सहित अन्य शामिल हैं.