स्वतंत्रता के संग्राम में झारखंड के वीर आदिवासियों की शहादत से पूरा देश रोशन हैं. यह भारी विडंबना और दुखद है कि खुद झारखंड में ही ये लोग गुमनाम हैं और इनके बारे में जानकारी बहुत नगण्य है. ये वही लोग थे जो नाम और प्रसिद्धि के लिए अंग्रेजों से नहीं लड़े थे, बल्कि इनका मकसद अंग्रेजी दासता और उनके जुल्मो सितम का वास्तविक विरोध करना था.
झारखंड से स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर सिर्फ कुछ लोगों के बारे में जनता को जानकारी है, जिनकी गणना उंगलियों पर की जा सकती हैं. देश-दुनिया के बारे जानना बहुत अच्छी बात है, पर उससे पहले हमें स्वयं अपने बारे में जानना चाहिए. यहां की जनता झारखंड की गौरवगाथा से अपरिचित है, आखिर इसका जिम्मेदार कौन है? इस पर आत्ममंथन की जरूरत हैं.
सीमा साही, बोकारो