भोरे : भोरे के बाजार को विकसित होने का इंतजार है. सड़क के किनारे बाजार लगने से परेशानी ग्राहकों-दुकानदारों के साथ-साथ आम लोगों को भी होती है. भोरे बाजार तो काफी पुराना है, लेकिन कभी इसे विकसित करने की सोच सामने नहीं आ पायी. सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर सजनेवाले इस बाजार में संचालित दुकानों […]
भोरे : भोरे के बाजार को विकसित होने का इंतजार है. सड़क के किनारे बाजार लगने से परेशानी ग्राहकों-दुकानदारों के साथ-साथ आम लोगों को भी होती है. भोरे बाजार तो काफी पुराना है, लेकिन कभी इसे विकसित करने की सोच सामने नहीं आ पायी. सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर सजनेवाले इस बाजार में संचालित दुकानों से कौड़ी भी वसूली जाती है, लेकिन इनके विकास के नाम पर सिर्फ इनका दोहन ही होता है. भोरे बाजार की शुरुआत खजुरहां मोड़ से होती है,
जो वायरलेस मोड़ तक है. सड़क की दोनों तरफ दुकानें सजती हैं. सड़क के किनारे ही फल से लेकर, सब्जी और मीट-मछली तक की दुकानें हैं. सब कुछ खुले में है. खुले में ही मीट की बिक्री होती है. अलबत्ता बाजार के नाम पर जिला परिषद द्वारा मार्केट कंप्लेक्स बनवाया गया है, लेकिन उस मार्केट कंप्लेक्स की दुकानें अब तक खाली पड़ी हैं.
बाजार एक सुसज्जित जगह पर हो इसके लिए कोई पहल भी नहीं की गयी. नतीजा सड़क जाम से लेकर गंदगी ही भोरे की पहचान बनती जा रही है.
बाजार को लेकर क्या कहते हैं ग्राहक
भोरे में बाजार सुव्यवस्थित नहीं होने से काफी परेशानी होती है. ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे दुकानदारों और ग्राहकों काे सहूलियत मिल सके. लेकिन, दूर-दूर तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं दिख रही है.
अमरजीत यादव
सड़क पर दुकानें सजने से आम लोगों को काफी परेशानी होती है. सड़क पर दुकानें होने के कारण ग्राहकों को भी अपनी गाड़ी सड़क के किनारे पार्क करनी पड़ती है. इसके कारण जाम की समस्या हो रही है.
मृत्युंजय कुमार