नयी दिल्ली : केंद्र सरकार के कर्मचारियों को न्यूनतम 21 हजार रुपये सैलरी का लाभ जनवरी 2018 से मिल सकता है.इस प्रक्रिया से जुड़े वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी है. ऐसे में केंद्रीयकर्मियों को बढ़ी हुई सैलेरी के लिए तीन महीनेऔर इंतजार करना होगा. वर्तमान में केंद्रीय कर्मियों कीन्यूनतम तनख्वाह18हजार रुपये प्रतिमाहहै.कर्मचारीसंगठनों की मांग थी किसरकारन्यूनतम सैलेरी 26 हजार रुपये करे,हालांकि बाद में न्यूतनम सैलेरी 21 हजार रुपये करने के मुद्दे पर वित्त मंत्रालय की विसंगति समिति यानी एनोमली कमेटी एवं कर्मचारी संगठनों के बीच सहमति बन गयी. यह कमेटी सितंबर 2016 में कार्मिक विभाग के सचिव के नेतृत्व में गठित की गयी थी. समिति व केंद्रीय कर्मचारियों के संगठनों के बीच लगातार वार्ता जारी थी, जिस पर पिछले दिनों अंतिम सहमति बन गयी थी.
सरकार ने इस कमेटी का गठन न्यूनतम सैलेरी पर कर्मचारियों की नाराजगी को देखते हुए उनके प्रतिनिधियों से वार्ता के लिए बनायी थी. पूर्व में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने केंद्रीय कर्मियों की न्यूनतम सैलेरी 18 हजार रुपये तय की थी.यहन्यूनतम सैलेरी फिटमैंटफैक्टरकेआधार पर लागू की गयी थी जोसमानरूप से सभी वर्ग केकेंद्रीयकर्मचारियों के लिए 2.57 गुणा है,लेकिन अब निचले स्तर के कर्मियों की सैलेरी21हजाररुपये हो जाने पर यह 3.0गुणा हो जायेगा.
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सरकार ने कर्मचारी संगठनों की 26 हजार रुपये न्यूनतम सैलेरी की मांग को यह कह कर खारिज कर दिया था कि यह वेतन संशोधन के फार्मूला के अनुसार, 3.68 गुणा हो जायेगा, जिसे लागू करना संभव नहीं है. वहीं, कर्मचारी संगठन 18 हजार रुपये की सैलेरी को अपर्याप्त बता रहे थे और उनका कहना था कि इतनी सैलेरी होने पर वे अधिक सैलेरी वाली दूसरी नौकरी के लिए प्रयासरत रहेंगे, जिसे कामकाज प्रभावित होता है.
उल्लेखनीय है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिश पर केंद्रीय कर्मियों का न्यूतनम वेतन सात हजार रुपये से बढ़ाकर 18 हजार रुपये एवं अधिकतम वेतन 80 हजार रुपये से बढ़ा कर 2.25 लाख रुपये किया गया है. वहीं, कैबिनेट सेक्रेटरी की तनख्वाह 2.50 लाख रुपये तय की गयी है.
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