नयी दिल्ली : पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से जनता को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. खासतौर से ऐसे वक्त में जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल की कीमतों में लागातार कमी हो रही है. भारत में तेल की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है. मोदी सरकार ने अपने आगमन के साथ तेल में सब्सिडी देना बंद कर दिया था. सरकार के इस फैसले का अर्थशास्त्रियों ने सराहना की थी. क्योंकि सब्सिडी का बोझ सरकार के खजाने पर पड़ रहा था. उस वक्त पेट्रोलियम की कीमत का निर्धारण 15 दिनों की समीक्षा की जाती थी. यह कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों को देखते हुए किया जाता था. लेकिन जैसे ही जीएसटी लागू हुआ पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतें आसमान छूने लगी. अब हर दिन पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतों में फेरबदल हो रहा है.
जो पेट्रोल खरीदते हैं, वे भूख से मर नहीं रहे होते, उन्हें उसकी कीमत देनी होगी : अल्फ़ोंसन कन्ननधनम
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