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सिलीगुड़ी : अब गोरखालैंड के समर्थन में उतरे बाइचुंग भूटिया

सिलीगुड़ी : भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान और तृणमूल कांग्रेस के नेता बाइचुंग भूटिया गोरखालैंड के समर्थन में खुलकर उतर आये हैं. उन्होंने एक सिक्किमी अखबार के साथ बातचीत में कहा है कि दार्जिलिंग पहाड़ की समस्या के स्थायी समाधान के लिए अलग गोरखालैंड राज्य जरूरी है. उन्होंने कहा कि वह गोरखालैंड के मसले […]

सिलीगुड़ी : भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान और तृणमूल कांग्रेस के नेता बाइचुंग भूटिया गोरखालैंड के समर्थन में खुलकर उतर आये हैं. उन्होंने एक सिक्किमी अखबार के साथ बातचीत में कहा है कि दार्जिलिंग पहाड़ की समस्या के स्थायी समाधान के लिए अलग गोरखालैंड राज्य जरूरी है.
उन्होंने कहा कि वह गोरखालैंड के मसले पर सीएम ममता बनर्जी के नजरिये से सहमत नहीं हैं. हालांकि उन्होंने तृणमूल से इस्तीफा देने की बात से इनकार करते हुए कहा कि इससे कोई लाभ होनेवाला नहीं है.श्री भूटिया ने गोरखालैंड पर अपने विचारों को व्यक्तिगत बताते हुए कहा कि पहाड़ के लोग तीन दशक से भी अधिक समय से अलग राज्य के लिए संघर्षरत हैं.
बंगाल सरकार को बड़े भाई का दिल दिखाते हुए छोटे भाई का ख्याल रखना चाहिए और इस स्थायी समस्या का उचित हल निकालना चाहिए. उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग पहाड़ कभी पश्चिम बंगाल का हिस्सा नहीं था, इसलिए बंगाल के लोगों को यह महसूस नहीं करना चाहिए कि उनका राज्य बंट रहा है.
सिक्किम के मूल निवासी बाइचुंग भूटिया का यह भी सुझाव है कि सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग को पहाड़ के नेताओं को गाइड करना चाहिए, जिससे वे गोरखालैंड की मांग को रचनात्मक और असरदार ढंग से रख सकें. सिक्किम के दो सांसदों को भी गोरखालैंड का विषय संसद में मजबूती से उठना चाहिए.
श्री भूटिया ने सुझाव दिया है कि गोरखालैंड समर्थक पार्टियों को बंगाली बुद्धजीवी वर्ग और तृणमूल नेताओं का समर्थन हासिल करना चाहिए. कुछ तृणमूल नेता और नौकरशाह गोरखालैंड की मांग से सहमत हैं, पर इस बात को कहने में मुश्किल महसूस करते हैं. अगर पहाड़ अलग राज्य या संघ शासित क्षेत्र बनता है, तो इससे सिलीगुड़ी को भी लाभ होगा.

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