इम इमारतों में रहने वाले किरायेदारों को लगता है कि अगर वह अपना मकान छोड़ देते हैं, तो उन्हें यहां से बेदखल कर दिया जायेगा. मकान का किराया कम होने के कारण मालिक इमारत की मरम्मत नहीं करवाना चाहते हैं. इस पचड़े में फंस कर मकान की हालत नाजुक होती चली जाती है. हम महानगर के आठ नंबर वार्ड के राजा राज बल्लभ स्ट्रीट स्थित एक इमारत की बात कर रहे हैं. दो मंजिली यह इमारत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. कोलकाता नगर निगम ने इसे खतरनाक इमारत घोषित कर दिया है.
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जर्जर मकान ना छोड़ेंगे, जान जाये तो जाये
कोलकाता. जर्जर हो चुके इमारतों को कोलकाता नगर निगम द्वारा खतरनाक घोषित किये जाने के बाद भी लोग इन इमारतों में रहते हैं. ऐसा लगता है कि लोग इमारत के ढहने का इंतजार कर रहे हैं. इन जर्जर इमारतों के ढहने के कारण अब तक कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है. ऐसे […]
कोलकाता. जर्जर हो चुके इमारतों को कोलकाता नगर निगम द्वारा खतरनाक घोषित किये जाने के बाद भी लोग इन इमारतों में रहते हैं. ऐसा लगता है कि लोग इमारत के ढहने का इंतजार कर रहे हैं. इन जर्जर इमारतों के ढहने के कारण अब तक कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है. ऐसे लोग अासियाना पाने की चाह में अपनी जान तक को गंवा बैठते हैं.
खंडहर होती जा रही इमारत : इमारत की हालत काफी खराब है. दो मंजिली यह इमारत जगह-जगह से टूट रही है. इमारत के बरामदे में दरार पड़ने के बाद दो टूकड़ा हो चुका है. जो किसी भी समय ढह सकता है. इमारत का प्रवेश द्वार भी काफी सकरा है. इमारत पूरी तरह से खंडहर बन चुका है. यहां रहनेवाले लोग अपनी जान को जोखिम में डाल कर रह रहे हैं.
कौन है मकान मालिक : मकान मालिक भी इसी इमारत में रहते हैं. इस मकान के कई हिस्सेदार हैं. हमने एक हिस्सेदार से बात की. उसने हमें अखबार में नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस इमारत को प्रमोटर को देकर निर्माण करवाया जायेगा. इसके लिए अन्य हिस्सेदारों से भी बात हो गयी है. इसकी जानकारी स्थानीय पार्षद को भी दे दी गयी है. उन्होंने बताया कि जल्द ही निर्माण कार्य को शुरू किया जायेगा.
जर्जर इमारतों को शो काॅज भेजेगा निगम
महानगर में जर्जर इमारतों के ढहने का क्रम जारी है. केवल अगस्त से सितंबर महीने में तीन से चार इमारतों ढह चुके हैं. महानगर के बड़ा बाजार इलाके में इमारत के ढहने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत भी हो चुकी है. जर्जर इमारतों को खाली करवाने करे लिए अब कोलकाता नगर निगम को विशेष अधिकार भी मिल गया है. इस कानून की अनुसरण कर निगम जर्जर हालत में पड़े सभी इमारतों के मालिकों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू करेगा. पूजा के पहले ही प्रक्रिया को चालू किया जा सकता है. इसके तहत निगम ऐसे इमारत के मालिक को शो-काॅज भेज कर यह पूछेगा कि आपकी इमारत को क्यों न खंडहर घोषित कर दिया जाये. इस शो-काॅज का जवाब 10 से 15 दिनों के भीतर मकान मालिकों को देना होगा. जवाब नहीं मिलने पर निगम की ओर आगे की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. यह जानकारी कोलकाता नगर निगम के बिल्डिंग विभाग के डीजी (टू) देवाशीष चक्रवर्ती ने दी. उन्होंने बताया कि उक्त प्रक्रिया को जल्द ही चालू किया जायेगा.
मालिक व किरायेदार को बुलाया जायेगा: जर्जर इमारतों को खाली करवाने व निर्माण के लिए पहले मालिक को बुलाया जायेगा. निर्माण के लिए मालिक के तैयार नहीं होने पर किरायेदार को बुलाया जायेगा. अगर मरम्मत के लिए दोनों तैयार नहीं होते हैं, तो निगम किसी एनजीओ को नियुक्त कर इमारत को खाली करवा सकता है.
पार्षदों की ली जयेगी मदद: निगम के प्रत्येक वार्ड में जर्जर इमारत हैं. निगम अब लोगों को जागरूक करने के लिए स्थानीय पार्षदों की मदद लेने की सोच रहा है, ताकि समझा बुझा कर ऐसे इमारतों को खाली कराया जा सके.
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