शेष को हटाने का आदेश जारी कर दिया गया है. स्वांग में 68 कर्मियों में छह को पूर्व में हटा दिया गया था. इसमें कुछ कर्मियों की मौत हो गयी है. शेष को हटाने का आदेश जारी किया गया है. औद्योगिक ट्रिब्यूनल ने गलत ढंग से नियुक्त कर्मियों को हटाने का आदेश दिया था. झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन की एक याचिका पर सुनवाई के बाद ट्रिब्यूनल ने यह आदेश दिया था.
सीसीएल में 1980 में कुछ कर्मी स्लरी का काम करने आये थे. करीब 1992 में कर्मियों ने स्थायीकरण के लिए ट्रिब्यूनल में केस कर दिया. 1996 में ट्रिब्यूनल ने इस मामले में मजदूरों के पक्ष में फैसला दे दिया. अदालत की पूरी प्रक्रिया के बाद कर्मियों को नौकरी देने के लिए यूनियन के प्रतिनिधि और प्रबंधन के सदस्यों ने मिलकर मेमोरेंडम ऑफ सेटलमेंट तैयार किया. फिर यूनियन प्रतिनिधि और प्रबंधन ने मिलकर कर्मियों का सत्यापन किया. इसमें पूर्व से काम कर रहे कर्मियों के स्थान पर दूसरे मजदूरों को नौकरी दिला दी गयी. मजदूरों ने इसकी जानकारी झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के मुमताज आलम को की. उन्होंने पूरे मामले की जांच के बाद 2010 में ट्रिब्यूनल में इसकी शिकायत कर दी. इसकी जांच प्रबंधन ने करायी. जांच के क्रम में सीसीएल प्रबंधन ने पाया कि कई फर्जी लोग नौकरी कर रहे हैं. इसकी पुष्टि होने के बाद ट्रिब्यूनल ने सभी लोगों को नोटिस देकर नौकरी से हटाने का आदेश दिया है.