जल संरक्षण के लिए विभिन्न प्रकार के जागरूकता अभियान ‘जल है तो कल है’ के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा अनेकों योजनाएं चलायी जा रही हैं ताकि बेकार बहता हुआ पानी बचाया जा सके. प्रशासन का ध्यानाकृष्ट करना चाहूंगा कि दुमका जिला के रानेश्वर प्रखंड स्थित ब्रिटिश काल में निर्मित कैराबानी डैम आज जीर्णोद्धार के लिए बाट जोहता दिखाई देता है.
इस डैम का पानी रोजाना निरंतर इन दिनों बहते देखा जा सकता है. हमेशा पानी बहते रहने के कारण ना ही किसानों को लाभ मिलता है और ना ही सरकार को. अगर थोड़ी सी पहल इस पर किया जाये तो सिंचाई के लिए सालों भर का पानी बचाया जा सकता है.
नवल किशोर सिंह, दुमका