नवगछिया : इस्माइलपुर प्रखंड में वर्ष 2016 में आयी बाढ़ के बाद सरकार से बाढ़पीड़ितों को अनुदान के लिए मिली 11 करोड़ की राशि में चार करोड़ का गबन कर लिये जाने की आशंका यहां के जनप्रतिनिधियों को है. साल भर बाद भी प्रखंड के 40 फीसदी बाढ़पीड़ितों को अनुदान की राशि नहीं मिलने से जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया है कि 60 फीसदी बाढ़पीड़ितों को मुआवजे की राशि देकर शेष राशि का गबन कर लिया गया है.
कई जनप्रतिनिधियों ने कहा है कि बिहार सरकार की वेबसाइट पर जारी अनुदान के लाभुकों की लिस्ट से स्पष्ट है कि पांच खातों में कई बार अनुदान की राशि डाली गयी है. जनप्रतिनिधियों का यह भी आरोप है कि इस मामले का लिंक भी सृजन घोटाले से है.
ऑनलाइन सूची से सामने आयी अनियमितता: वेबसाइट पर जारी की गयी लाभुकों की आॅनलाइन सूची के अनुसार पश्चिम भिट्ठा पंचायत के लिए खाता संख्या 6676001700000346 पर 125 लाभुकों के पैसे, खाता नंबर 3043000100041750 पर 49 लाभुकों के लिए, खाता संख्या 3043000100041695 पर 49 लोगों के लिए, 3043000100090901 पर 125 लोगों के लिए पैसे भेजे गये हैं. आॅनलाइन सूची में एक ही खाते वाले लाभुकों के नाम अलग हो गये हैं. वहीं बैंकों के नाम कहीं एक ही हैं, तो कहीं अलग, लेकिन खाता संख्या एक ही दिखाया गया है.
जनप्रतिनिधियों का कहना है कि इस तरह के मामले का पता उन्हें तब चला जब उनलोगों ने पश्चिम भिट्ठा के बाढ़पीड़ितों को मिली अनुदान राशि की आॅनलाइन सूची की छानबीन की. इस्माइलपुर की पांचों पंचायतों में इस तरह के मामले हो सकते हैं. हालांकि इस्माइलपुर अंचल के पदाधिकारियों का दावा है कि उनके पास एक-एक पैसे का हिसाब है. बहरहाल, सच का पता तभी चल सकता है जब मामले की जांच करायी जायेगी.
पंसस ने डीएम को दिया आवेदन
इस्माइलपुर पश्चिम भिट्ठा के पंचायत समिति सदस्य वैद्यनाथ मंडल ने कहा कि मैंने कई बार प्रखंड व अंचल के पदाधिकारियों को आवेदन दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद नौ सितंबर को मैंने डीएम को पत्र लिख कर पूरे मामले की छानबीन कराने की मांग की है. श्री मंडल ने कहा कि बाढ़पीड़ितों काे अनुदान की राशि दिलाने के लिए मैं साल भर से संघर्ष कर रहा हूं. जब मामले की छानबीन की, तो घोटाले का संकेत मिला. श्री मंडल ने अंचल नाजिर पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सृजन घोटाले के मुख्य आरोपितों में रहे महेश मंडल के साथ भी इनका संबंध रहा है.
मुख्य बातें
वर्ष 2016 में बाढ़ अनुदान के लिए प्रखंड को मिले थे 11 करोड़
अब तक 60 फीसदी लोगों को ही मिला मुआवाजा
सरकार की वेबसाइट के अनुसार तीन खाते में डाले गये कई लाभुकों के पैसे
कहते हैं सीओ
इस्माइलपुर के सीओ सुरेंद्र प्रसाद ने कहा कि घोटाले जैसी कोई बात नहीं है. हमारे पास एक-एक पैसे का हिसाब है. वंचित लोगों को उजला राशन कार्ड नहीं रहने के कारण पूर्व के पदाधिकारियों द्वारा उन्हें बाढ़ राहत की राशि नहीं दी जा सकी.
कहते हैं अंचल नाजिर
इस्माइलपुर अंचल के नाजिर अविनाश कुमार ने कहा कि बाढ़ राहत के एक-एक पैसे का हिसाब है. घोटाले की बात सही नहीं है. आॅनलाइन सूची गलत है. आइटी सेल को सूची को दुरुस्त करने के लिए पत्र लिखा गया था, लेकिन तकनीकी कारणों से सूची ठीक नहीं हो पायी है. सूची में तकनीकी गड़बड़ी है.