पटना : निजी स्कूलों में छात्र-छात्राओं पर मारपीट का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अररिया और सहरसा के निजी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को पीटने का मामला सामने आया है. अररिया में जहां छात्राओं को पीटने का वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ने लगा है, वहीं सहरसा में बच्चे को इतनी बेरहमी से पीटा गया है कि उसके दायें बांह और कमर के निचले हिस्से में जख्म के निशान बन गये हैं.
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अररिया के द्विजदेनी हाइस्कूल के प्रधानाध्यापक व लिपिक द्वारा छात्राओं के साथ मारपीट करने का मामला वीडियो वायरल होने के बाद तूल पकड़ने लगा है. वहीं, माध्यमिक शिक्षक संघ ने इस घटना की निंदा व जांच की मांग करते हुए डीइओ को आवेदन दिया है. साथ ही जांच में दोषी पाये गये शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की भी मांग की है. माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव असरारूल हसन व अध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से डीइओ अशोक कुमार मिश्रा को पत्र देकर कहा है कि डीडीएचएस के शारीरिक शिक्षक संजीव कुमार ने संघ को सूचित किया है कि प्रधानाध्यापक धीरेंद्र कुमार व लिपिक अनवर राज के मनमानी से विद्यालय चलता है. पिछले दिनों लिपिक द्वारा प्रधानाध्यापक के उपस्थिति में सार्वजनिक तौर पर छात्राओं को डंडे से पीटा गया. इसका वीडियो व्हाट्स ऐप पर वायरल हुआ है. शिक्षक संजीव कुमार द्वारा विरोध किये जाने पर उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया गया. इसके साथ ही उनसे प्रधानाध्यापक ने स्पष्टीकरण भी पूछा है. यह शिक्षक को प्रताड़ित करने का उद्देश्य जान पड़ता है. वायरल हुए वीडियो के अनुसार स्कूल से अनुपस्थित रहने वाली छात्राओं को मैदान में कतारबद्ध कर उन्हें डंडे से पीटा गया. उनका कसूर केवल इतना था कि वे रोज स्कूल नहीं आती हैं. वीडियो में यह स्पष्ट सुनाई दे रहा है कि छात्राओं को पीटते वक्त यह कहा जा रहा है कि उनके अभिभावक स्कूल में आकर साइकिल व पोशाक राशि की मांग करते हुए हंगामा करते हैं, जबकि छात्राओं की उपस्थिति विद्यालय में कम होती है.
वहीं, सहरसा जिले के एक निजी स्कूल में एक छात्र की बेरहमी से पिटाई का मामला प्रकाश में आया है. पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) गणपति ठाकुर ने बताया कि यह मामला सहरसा शहर के कहरा ब्लॉक रोड स्थित एक स्कूल का है. उन्होंने बताया कि उक्त स्कूल के कक्षा एक के छात्र ऋ षभ के पिता मणिकांत सिंह ने सदर थाने प्राथमिकी दर्ज करायी है. ठाकुर ने बताया कि बच्चे की पिटाई से उसके दायें बांह और कमर के निचले हिस्से में जख्म के निशान बन गये हैं. उन्होंने बताया कि बच्चे का सदर अस्पताल में इलाज करा कर और मामला दर्ज करके पुलिस ने तफ्तीश शुरू कर दी है. ठाकुर ने बताया कि इस मामले में शिक्षक और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जो भी उचित कानूनी कार्रवाई होगी, की जायेगी.
पीड़ित बच्चे के दादा जवाहर सिंह ने शिक्षक के रवैये पर सवाल खड़े करते हुए उन पर प्राथमिकी वापस लेने का दवाब बनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने सवाल किया कि क्या किसी छोटे बच्चे की गलती पर इतनी बेरहमी से पिटाई की जाती है. यदि बच्चों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ भी तो उसे समझा-बुझा कर शांत कराया जा सकता था. जवाहर ने कहा की उन्होंने अपने पोते की हालत देख कर उक्त शिक्षक को जब फोन किया तो शिक्षक ने कहां कि वह एक बच्चे का गला दबा रहा था, इसलिए उसकी पिटाई की.