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बिहार : सृजन घोटाला मामले में लालू जायें कोर्ट

राजद मर्यादित भाषा का करें प्रयोग, नहीं तो टूटेगी लक्ष्मण रेखा : जदयू पटना : भागलपुर की रैली में राजद नेताओं की टिप्पणियों के खिलाफ जदयू ने पलटवार किया है. ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव और जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को नसीहत दी है कि […]

राजद मर्यादित भाषा का करें प्रयोग, नहीं तो टूटेगी लक्ष्मण रेखा : जदयू
पटना : भागलपुर की रैली में राजद नेताओं की टिप्पणियों के खिलाफ जदयू ने पलटवार किया है. ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव और जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को नसीहत दी है कि वे मर्यादित भाषा का प्रयोग करें. बोलने से पहले सोचे और अपनी भाषा नियंत्रित रखें, नहीं तो लक्ष्मण रेखा टूट जायेगी.
जदयू कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ललन सिंह ने कहा कि रैली में जिस भाषा का प्रयोग किया गया वह अमर्यादित थी. राजद अब व्यक्तिगत चरित्र हनन पर उतर आया है. जदयू उनकी भाषा में जवाब दे सकता है, लेकिन हमारा संस्कार व संस्कृति नहीं है कि वैसा बोलें. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद हताशा में हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह, प्रवक्ता नीरज कुमार, राजीव रंजन प्रसाद, उपेंद्र प्रसाद, डॉ अजय आलोक, अरविंद निषाद, प्रगति मेहता, निखिल मंडल, सुहेली मेहता, महासचिव नवीन आर्य, अनिल कुमार मुख्य रूप से मौजूद थे.
हताशा में जो बौखलाहट होती है, उसी का असर उनकी भाषा में दिख रहा है. उन्होंने कहा राजद सृजन घोटाला की बात कर रहा है. अब सीबीआई जांच पर ही सवाल उठा रहे हैं. वे हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं और वहां से जांच की मॉनीटिरिंग करवा सकते हैं, जैसा उन्होंने चारा घोटाले की जांच में किया था. वे सीबीआई कार्यालय की यात्रा के बजाय वे सृजन यात्रा कर रहे हैं. ललन सिंह ने कहा कि बेनामी संपत्ति के मामले में लालू प्रसाद बार-बार कह रहे हैं कि वे व उनका परिवार निर्दोष हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार, सुशील मोदी, भाजपा उन्हें फंसा रही है. वे सुप्रीम कोर्ट ही चले जायें अौर सबूत पेश करें कि सरकार फंसा रही है. सुप्रीम कोर्ट जांच प्रक्रिया की मॉनीटरिंग भी कर देगा. इससे सीबीआई व ईडी जांच में तेजी आ जायेगी और परिणाम भी निकल जायेगा. उन्होंने कहा कि जदयू प्रवक्ता कभी भी अमर्यादित भाषा का प्रयोग नहीं करते, जबकि राजद के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह महागठबंधन के रहते समय से लालू प्रसाद के इशारे पर अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते रहे.
रैली नहीं, मदारी की थी सभा : विजेंद्र यादव
ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि राजद की रैली नहीं थी, बल्कि मदारी की नुक्कड़ सभा थी. लोकतंत्र में किसी का मदारी बनना उचित नहीं है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद बार-बार जनमत के उल्लंघन की बात करते हैं, लेकिन 1995 में जनता दल को बहुमत मिला था, लेकिन जब उन्होंने इस्तीफा दिया तो अपनी पत्नी राबड़ी देवी को ही सीएम बना दिया. उस समय जनादेश का अपमान नहीं हुआ था.
सृजन मामले में इस्तीफा की मांग करते हैं, लेकिन सृजन में बैंकों के अधिकारियोें की भी गड़बड़ी सामने आयी है तो क्या रिजर्व बैंक के गवर्नर से भी लालू प्रसाद इस्तीफा ले लेंगे.

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