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कहां हैं इंडियन बैंक के सेवानिवृत्त अधिकारी झा जी, सृजन से रहा है नजदीकी संबंध

भागलपुर : सृजन महिला विकास सहयोग समिति, बैंकों और सरकारी विभागों के अधिकारी और कर्मियों की मिलीभगत से सरकारी राशि की धोखाधड़ी मामले में इंडियन बैंक के एक सेवानिवृत्त पदाधिकारी का नाम सामने आ रहा है. उन्हें झा जी के नाम से जाना जाता है. झा जी के बारे में बताया जा रहा है कि […]

भागलपुर : सृजन महिला विकास सहयोग समिति, बैंकों और सरकारी विभागों के अधिकारी और कर्मियों की मिलीभगत से सरकारी राशि की धोखाधड़ी मामले में इंडियन बैंक के एक सेवानिवृत्त पदाधिकारी का नाम सामने आ रहा है. उन्हें झा जी के नाम से जाना जाता है. झा जी के बारे में बताया जा रहा है कि सृजन की मनोरमा देवी के यहां उनका आना जाना था.

सरकारी पैसा सृजन के खाते में भेजने में झा की अहम भूमिका होने की बात कही जा रही है. झा जी पिछले साल ही सेवानिवृत्त हुए हैं. झा जी के फिलहाल सबौर में रहने की बात सामने आयी है. यह भी पता चला है कि सेवानिवृत्ति के बाद भी झा जी मनोरमा देवी के घर आना जाना करते थे. अमित और प्रिया से भी उनका कांटेक्ट था.

भागलपुर से बेगूसराय फिर भागलपुर में हुई पोस्टिंग: झा जी भागलपुर में क्लर्क रहे हैं. उसके बाद उनका तबादला बेगूसराय किया गया. वहां पदाधिकारी बने. बेगूसराय से फिर उनका तबादला भागलपुर कर दिया गया. मनोरमा देवी से चेक लेकर बैंक आना और सृजन के खाते में सरकारी पैसे के ट्रांसफर किये जाने में झा जी पूरी मदद करते थे. इसके बदले उन्हें सृजन से मोटी रकम भी मिलती थी.
भीखनपुर के तिवारी जी का राकेश से रहा है नजदीकी संबंध
भीखनपुर के रहने वाले तिवारी जी का सृजन मामले में जेल में बंद राकेश यादव से नजदीकी संबंध रहा है. तिवारी जी की पत्नी के बारे में कहा जा रहा है कि वह एक स्कूल चलाती हैं. तिवारी न सिर्फ राकेश का बल्कि सृजन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को जानता है. जेल जाने से पहले तक राकेश यादव अक्सर तिवारी से मिला करता था. यह भी बताया जा रहा है कि राकेश यादव ने तिवारी जी को लाभ भी दिया है.
बैंक बैकफुट पर, डीएम का हस्ताक्षर जांच के लिए भेजा गया या नहीं, पता नहीं
भागलपुर के जिन डीएम के हस्ताक्षर वाले चेक से सरकारी पैसे की निकासी हुई उनके हस्ताक्षर को प्रशासन ने फर्जी करार दिया है. शुरूआती जांच में बैंक यह मानने के लिए तैयार नहीं था कि वह हस्ताक्षर फर्जी है. हस्ताक्षर फर्जी है या असली यह जानने के लिए हस्ताक्षर को जांच के लिए एफएसएल भेजने का फैसला लिया गया था. हस्ताक्षर का नमूना एफएसएल भेजा गया या नहीं इसका पता नहीं चल सका है. सूत्रों की मानें तो अब बैंक बैकफुट पर आता दिख रहा है. अंदरूनी खबर यह है कि सृजन को सरकारी पैसे ट्रांसफर करनेवाला एक बैंक सरकार को पैसे वापस करने के लिए तैयार हो गया है. अन्य बैंकों से बात की जा रही है.

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