खगड़िया : मुंगेर के लिये ट्रेन की संख्या बढ़ाने की मांग जोर पकड़ने लगी है. बताया जाता है कि मुंगेर-खगड़िया-बेगूसराय रेलखंड वर्तमान समय में काफी महत्वपूर्ण हो गया है. रोजाना हजारों की संख्या में लोग ट्रेनों में सफर करते हैं. लेकिन सुरक्षा के ख्याल से यह काफी खतरनाक साबित हो रहा है. इस मार्ग में उद्घाटन के समय से ही मात्र दो ही सवारी गाड़ी चलायी जा रही है.
जिसमें एक सवारी गाड़ी खगड़िया से जमालपुर तथा दूसरी ट्रेन सहरसा से खगड़िया मुंगेर जमालपुर होते हुए गया तक जाती है. खगड़िया के रेल यात्री मात्र दो ट्रेन से ही मुंगेर व जमाल आ-जा सकते हैं. जबकि प्रतिदिन बीस हजार से अधिक यात्री खगड़िया से मुंगेर की यात्री करते रहे हैं. खगड़िया का प्रमंडलीय कार्यालय, पुलिस उप महानिरीक्षक कार्यालय मुंगेर है. लोगों का आना जाना हमेशा लगा रहता है. श्रावणी मेला के अवसर पर सहरसा से भागलपुर के बीच स्पेशल ट्रेन चलायी गयी थी जिसे बंद कर दिया गया है.
अब त्योहार आ गया है. लोगो का आना जाना शुरू हो गया है. लेकिन ट्रेनों की संख्या घटती जा रही है. यदि दुर्गा पूजा से छठ पर्व तक खगड़िया से भागलपुर तक स्पेशल ट्रेन चलायी जाय तो लोगों को काफी फायदा हो सकता है. ट्रेनों में स्थानाभाव के कारण काफी धक्का-मुक्की यात्रियों को झेलनी पड़ रही है.
सात बोगी में हजारों यात्री : वर्तमान समय में उक्त ट्रेन में सात बोगी लगायी जा रही है. उक्त ट्रेनों में सात बोगी होने के कारण काफी भीड़ अधिक हो जा रही है. इस क्रम में आम आदमी का उतरने-चढ़ने के क्रम में सकल-सूरत सब बदल जाता है. प्रतिदिन धक्का-मुक्की के क्रम में सैकड़ों लोगों की यात्रा दुखदायी बन गयी है. कइयों की पॉकेट की सफाई तथा मोबाइल भी गायब हो जाता है. जिसकी प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस भी निश्चिंत है. ट्रेनों में खचा-खच भीड़ के कारण बड़ी संख्या में लोग पावदान एवं इंजन पर चढ़ने के लिए मजबूर हो जाते है. जिसकी वजह से लगातार ट्रेन में भीड़ के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं, तथा उनको जान से भी हाथ धोना पड़ा है.
2774 करोड़ से गंगा पर बना है पुल : यह पुल मुंगेर-खगड़िया-बेगूसराय को जोड़ने के लिये गंगा नदी पर निर्मित हुई है. उक्त पुल जहां उत्तर व दक्षिण बिहार के लिए जीवनदायी सिद्ध हो सकता है. लेकिन ट्रेनों के अभाव में मौत का पैगाम लिये प्रतिदिन पुल पर से गुजरती है. ज्ञात हो कि धक्का-मुक्की का शिकार होकर तीन व्यक्ति को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा.
दो जोन की पेच भी नयी ट्रेनों के परिचालन में बन रही बाधा
ट्रेनों की यह स्थिति दो जोन की वजह से भी है. ज्ञात हो कि पूर्व मध्य रेल के सोनपुर डिविजन का क्षेत्र पुल के उत्तरी छोर तथा एनएफ रेल से जुड़े मालदा डिवीजन पुल के दक्षिणी भाग में है. जिसके वजह से ट्रेनों के परिचालन में कई जगह तकनीकी तो कई जगह प्रशासनिक पेंच भी ट्रेनों के परिचालन पर असर डाल रहा है. जिसके कारण मामला उलझता जा रहा है. ज्ञात हो कि जबसे पुल का निर्माण हुआ लोगों को सहूलियत ट्रेनों के माध्यम से हुई. आवागवन की पहली पसंद जनता की ट्रेन रही है, परन्तु ट्रेनों का अभाव उन्हें परेशानी में डाल देता है तथा ट्रेनों में उतरने-चढ़ने में अफरा-तफरी के कारण मौत तक हो जाती है.
दुर्गा पूजा के समय लक्खीसराय जिले के सूर्यगढ़ा निवासी बीएसएफ जवान विजय यादव छुट्टी पर अपने ससुराल बेगूसराय आये थे. वह बेगूसराय से मुंगेर आने के लिए ट्रेन पकड़ा ट्रेन में काफी भीड़ थी. गंगा पुल खत्म होते ही लाल दरवाजा मिर्ची तालाब के पास वह धक्का लगने पर नीचे गिर गया. जिससे उसकी मौत हो गयी.
खगड़िया जिले के भदास गांव निवासी सोनू महतो अपनी पत्नी के साथ मुंगेर के नौवागढ़ी कन्तपुर आया था. मकरसंक्रांति पर वह वापस घर जाने के लिए मुंगेर स्टेशन से ट्रेन पर चढ़ा. भीड़ अत्यधिक थी और जगह नहीं मिलने के कारण वह गेट पर ही रह गया. ट्रेन जैसे ही पुल के सात नंबर पीलर के पास पहुंची कि पीछे से धक्का-मुक्की हुई जिससे भगदड़ मच गई और वह गिर गया. जिससे उसकी मौत हो गयी.
मुंगेर गंगा पुल के पाया संख्या 7 के समीप दियारा में एक युवक का शव बरामद हुआ जिसकी मौत ट्रेन से गिरकर हुई उसकी मौत पुल के लोहे के गाटर से अधिक चोट खाने के कारण हो गई. जिसकी शिनाख्त नहीं हो पायी.