नयी दिल्ली: अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का म्यांमार दौरे से वापस आने के बाद भारत ने वहां पर रोहिंग्या मुसलमानों के विद्रोह को समाप्त करने के लिए एक मंत्र दिया है. भारत ने शनिवार को म्यांमार से राखिन प्रांत में परिपक्वता और संयम के साथ स्थिति संभालने को कहा है. उसके साथ ही उसने नागरिकों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने के साथ इस बात पर जोर दिया कि हिंसा का खत्म होना बेहद जरूरी है.
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विदेश मंत्रालय (एमईए) ने एक बयान में कहा कि भारत राखिन प्रांत में स्थिति के बारे में चिंतित है और क्षेत्र से शरणार्थी भाग रहे है. बयान में कहा गया कि हम आग्रह करेंगे कि राखिन प्रांत में स्थिति से संयम और परिपक्वता के साथ निपटा जाना चाहिए. उसने यह भी कहा है कि नागरिकों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. यह जरूरी है कि हिंसा समाप्त हो और प्रांत में शीघ्र सामान्य स्थिति बहाल हो. बयान में राखिन प्रांत में म्यामां सुरक्षा बलों पर उग्रवादी हमलों की भी कड़ी निंदा की गयी.
बांग्लादेश के उच्चायुक्त सईद मुअज्जेम अली द्वारा इस मुद्दे पर विदेश सचिव एस जयशंकर से मुलाकात करने के बीच भारत का यह बयान आया है. हालांकि, एमईए के बयान में बैठक के बारे में कोई जिक्र नहीं किया गया है. पिछले 25 अगस्त को हिंसा का नया दौर शुरू होने के बाद से म्यांमार के राखिन प्रांत से लगभग तीन लाख रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश भाग गये हैं.