बेंगलुरु: कर्नाटक में गौरी लंकेश की हत्या के बाद कई अन्य लेखकों, बुद्धिजीवियों और पत्रकारों की जान को खतरा है. इस हत्याकांड को अंजाम दिये जाने के बाद राज्य के खुफिया विभाग ने राज्य सरकार ने 18 लेखकों, बुद्धिजीवियों और प्रगतिशील पत्रकारों को सुरक्षा मुहैया कराने की सलाह दी है. खुफिया विभाग की सलाह के बाद स्थानीय पुलिस ने ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित लेखक गिरीश कर्नाड, बारागुर रामचंद्रप्पा, पाटिल पुटप्पा और चेन्नावीरा कणवी समेत अन्य 14 प्रख्यात लोगों की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद किया है.
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अंग्रेजी के अखबार द हिंदू की वेबसाइट पर प्रकाशित समाचार के अनुसार, लिंगायत को लेकर धार्मिक आंदोलन से जुड़े पूर्व नौकरशाह एसएम जमदार को राज्य सरकार की ओर से सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करायी गयी है. वेबसाइट पर प्रकाशित समाचार के अनुसार, एक खुफिया अधिकारी ने बताया कि यह सूची गौरी लंकेश की हत्या के पहले अथवा उसके बाद प्रख्यात लोगों दी जा रही जान से मारने की धमकी के आधार पर तैयार की गयी है.
सूत्रों का कहना है कि जिन लोगों को निचले स्तर की सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करायी गयी है, उन्हें एक बंदूकधारी पूरे चौबीस घंटे तक मुहैया करायी गयी है. वहीं, सूत्रों ने हाई सिक्योरिटी के बारे में किसी प्रकार का खुलासा करने से इनकार कर दिया. द हिंदू ने अपने समाचार में लिखा है कि उसने एमएम कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्या से जुड़े मामलों पर गहराई से अध्ययन किया है.
इन दोनों ही मामलों में यह पाया गया है कि लिंगायत के लिए अलग धर्म की मांग करने वाले और इसके लिए छेड़े गये आंदोलन से जुड़े लोगों की ओर से कई मौकों पर इस प्रकार की धमकी दी गयी है.