नयी दिल्ली: कार्यकर्ता और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के तीन दिन बाद भी अब तक हत्यारों के बारे में कोई सुराग नहीं मिल पाया है. इस बीच गौरी की सुरक्षा संबंधी मुद्दों को लेकर भाजपा और कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के बीच शुक्रवार को तीखी तकरार हुई. कर्नाटक सरकार ने गौरी की हत्या के बारे में सुराग देने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया है. 55 वर्षीय गौरी की मंगलवार की रात बेंगलुरु में उनके आवास पर गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी.
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भाजपा ने शुक्रवार को कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर पत्रकार गौरी लंकेश को सुरक्षा मुहैया न कराने का आरोप लगाया. भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गौरी की ‘अफसोसजनक और दुर्भाग्यपूर्ण हत्या’ पर दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियों की निंदा की. उन्होंने कहा कि पार्टी के कई नेताओं ने गौरी की हत्या के खिलाफ अपनी बात रखी है. प्रसाद ने गौरी के भाई इंद्रजीत लंकेश की टिप्पणियों से जुड़ी खबरों की प्रतियां भी दिखायी, जिनमें दावा किया गया कि गौरी नक्सलियों के आत्मसमर्पण कराने का काम करती थीं. प्रसाद ने सवाल किया कि सिद्धारमैया सरकार ने गौरी को सुरक्षा क्यों नहीं मुहैया करायी.
भाजपा नेता ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इंद्रजीत लंकेश ने आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक रूप से कहा है कि उनकी बहन नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए सक्रिय होकर काम कर रही थीं, तो क्या वह राज्य सरकार की सहमति और मंजूरी से ऐसा कर रही थीं. और यदि ऐसा है तो उन्हें पर्याप्त सुरक्षा क्यों नहीं मुहैया कराई गई? उन्होंने कहा कि यह भी कहा जा रहा है कि नक्सली गौरी के इस काम से नाखुश थे. उन्होंने कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने सुरक्षा में ऐसी नाकामी क्यों बरती?
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए प्रसाद ने सवाल किया कि उन्होंने राज्य में अपनी पार्टी की सरकार से सवाल क्यों नहीं किया है. प्रसाद ने कहा कि राहुल ने तो पहले ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े समूहों को गौरी की हत्या का जिम्मेदार ठहरा दिया है, फिर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार से निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे की जा सकती है.