II उर्मिला कोरी II
फिल्म: पोस्टर बॉयज
निर्माता : धर्मेंद्र और सोनी पिक्चर्स
निर्देशक : श्रेयस तलपड़े
कलाकार : सनी देओल, बॉबी देओल, श्रेयस तलपड़े, सोनाली कुलकर्णी और अन्य
रेटिंग : दो
मराठी की सफल फिल्म पोस्टर बॉयज का यह फिल्म हिंदी रीमेक है. नसबंदी के मुद्दे पर यह फिल्म समाज और सरकार दोनों पर अपने अंदाज में तंज कसती है.
फिल्म का विषय और स्क्रीनप्ले एक दूसरे से बिल्कुल विपरीत है. मतलब विषय जितना रोचक और सशक्त है, स्क्रीनप्ले उतना ही लचर है, जो इस पोस्टर बॉयज को फटा पोस्टर वाला फील दे जाते हैं.
कहानी पर आते हैं. इस रीमेक फिल्म की कहानी की बात करें, तो यह उत्तर भारत की पृष्ठभूमि पर आधारित तीन लोगों की कहानी है. जिनकी तस्वीर नसबंदी के पोस्टर पर लग जाती है. मतलब इन तीनों ने नसबंदी करवा ली है, जबकि उन्होंने कभी नसबंदी करवायी ही नहीं है.
इसके बाद इन तीनों की जिंदगियों में भूचाल आ जाता है. ये तीनों सरकार और प्रशासन से इंसाफ पाने के लिए मुहिम छेड़ते हैं. क्या ये सरकार की गलतियों को सामने ला पायेंगे?
समाज में पुरुष नसबंदी को लेकर जो संकुचित मानसिकता है, क्या वे इस सोच को खारिज कर पायेंगे. इसी की कहानी कहती है यह फिल्म है. फिल्म की कहानी जितनी रोचक लग रही है, फिल्म का स्क्रीनप्ले उस जायके को खराब कर जाता है. ना तो फिल्म को देखकर हंसी आती है और न ही गंभीरता से फिल्म नसबंदी के मुद्दे को रख पाती है.
फिल्म की कॉमेडी घिसी-पिटी है. कुछ सीन को छोड़ दें, तो मुश्किल से हंसी आती है. संवाद में ज्यादातर सनी देओल की पुरानी फिल्मों के डायलॉग ही घसीटे गये हैं. अभिनय की बात करें तो सनी, बॉबी और श्रेयस ने अपने-अपने किरदार को बखूबी निभाया है.
कमजोर स्क्रीनप्ले की वजह से उनकेलिए करने को कुछ खास नहीं था. फिल्म का गीत-संगीत पक्ष भी कमजोर है. आखिर में अगर आप सनी देओल और बॉबी के डाई-हार्ड फैन हैं, तो ही यह कमजोर फिल्म आपका मनोरंजन कर सकती है.