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सार्वजनिक स्थलों पर उड़ते हैं सिगरेट के धुएं, पर आज तक नहीं हुई कार्रवाई

हजारीबाग: सरकार की ओर से सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान निषेध लागू किये कई साल हो गये हैं, लेकिन यह नियम धरातल पर आज तक नहीं उतरा. हजारीबाग जिले में कभी भी इस मामले में किसी पर कार्रवाई नहीं की गयी. सार्वजनिक स्थलों पर लोग बेफ्रिक होकर सिगरेट के धुएं उड़ाते रोजाना देखे जा सकते हैं. […]

हजारीबाग: सरकार की ओर से सार्वजनिक स्थानों को धूम्रपान निषेध लागू किये कई साल हो गये हैं, लेकिन यह नियम धरातल पर आज तक नहीं उतरा. हजारीबाग जिले में कभी भी इस मामले में किसी पर कार्रवाई नहीं की गयी. सार्वजनिक स्थलों पर लोग बेफ्रिक होकर सिगरेट के धुएं उड़ाते रोजाना देखे जा सकते हैं. ऐसे लोग अपने आसपास के लोगों की परवाह नहीं करते हैं.

न ही सरकार के कानून को मानते हैं. कई सरकारी व गैर-सरकारी कार्यालयों एवं संस्थानों में धूम्रपान निषेध के बोर्ड तक नहीं लगे हुए हैं. हालांकि कई कार्यालयों में धूम्रपान क्षेत्र घोषित किये जाने संबंधी बोर्ड लगे हैं. शिकायत के लिए अफसर के नाम भी लिखे हुए हैं. मजे की बात यह है कि उस अधिकारी के स्थानांतरण हुए कई साल बीत गये, लेकिन अब भी धूम्रपान निषेधवाले बोर्ड पर उक्त पदाधिकारी का नाम व मोबाइल नंबर अंकित है.

स्कूल-कॉलेज के पास बिक रहे सिगरेट : कोटपा कानून के तहत स्कूलों फ कॉलेजों से 100 गज की दूरी तक सिगरेट एवं मादक पदार्थ बेचने पर रोक का प्रावधान है, लेकिन इसके बावजूद स्कूलों, कॉलेजों एवं सार्वजनिक स्थलों के आसपास खुलेआम सिगरेट एवं नशीले पदार्थों की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. स्थिति यह है कि जिन दुकानों में सिगरेट व तंबाकू उत्पाद से निर्मित पदार्थ बिकते हैं, वहां चेतावनी संबंधी बोर्ड तक नहीं लिखे होते हैं.

विशेषज्ञों की मानें, तो हजारीबाग में प्रत्येक वर्ष तंबाकू के कारण कई लोग कैंसर समेत अन्य तरह की बीमारी के शिकार हो रहे हैं. युवा वर्ग सबसे अधिक नशे के आदी हो रहे हैं. इनमें स्कूली व कॉलेज के विद्यार्थी शामिल हैं.
उड़नदस्ता टीम गठित, लेकिन कार्रवाई नहीं : जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करनेवाले व्यक्तियों को दंडित करने के लिए उड़नदस्ता की टीम का गठन किया गया है. टीम में कई उच्च स्तरीय पदाधिकारी भी शामिल हैं. जिला स्तर की टीम का नेतृत्व जिला अपर समाहर्ता, एसपी, एसीएमओ, डीटीओ, डीएसओ, एनसीडी नोडल पदाधिकारी, डीइओ, श्रमाधीक्षक, जिला कार्यक्रम प्रबंधक स्वस्थ्य, ड्रग्स इंस्पेक्टर और संबंधित थाना के प्रभारी करते हैं. वहीं अनुमंडल स्तर के उड़नदस्ता में एसडीओ,डीएसपी, अनुमंडल चिकित्सा पदाधिकारी, अनुमंडल कयाण पदाधिकारी, अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी व थाना प्रभारी समेत सात पदाधिकारी होते हैं. प्रखंड स्तर पर बीडीओ, प्रखंड स्वस्थ्य चिकित्सक पदाधिकारी, बीइइओ, बीएओ, लेबर ऑफिसर, बीपीएम व थाना प्रभारी सदस्य होते हैं. स्थिति यह है कि धूम्रपान से संबंधित जिला समन्वय समिति की बैठक में बीडीओ तक भाग नहीं लेते. टीम ने आज तक एक भी व्यक्ति पर धूम्रपान निषेध कानून के तहत कार्रवाई नहीं की है.

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