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रेल घोटाला मामला : CBI का लालू अौर तेजस्वी को समन, जदयू ने कसा तंज

नयी दिल्ली/पटना : रेलवेके ठेकेमेंअनियमिततामामलेमें लालू परिवार कीमुश्किलेंबढ़ती दिख रही है. केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ ने इस मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साथ ही उनके पुत्र व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी समन भेजा है. सीबीआइ ने समन भेजकर रेल घोटाला मामले में 11सितंबर को लालू यादव को और 12 सितंबर […]

नयी दिल्ली/पटना : रेलवेके ठेकेमेंअनियमिततामामलेमें लालू परिवार कीमुश्किलेंबढ़ती दिख रही है. केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ ने इस मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साथ ही उनके पुत्र व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी समन भेजा है. सीबीआइ ने समन भेजकर रेल घोटाला मामले में 11सितंबर को लालू यादव को और 12 सितंबर को तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए बुलायाहै. वहीं लालू और तेजस्वी को सीबीआइ की ओर से समन भेजे पर जदयू ने तंज कसते हुए कहा कि राजनीति को लालू ने व्यवसाय बना दिया है.

मालूमहो कि लालू यादव आज चारा घोटाला मामले में रांची की सीबीआइ की अदालत में पेश हुए हैं. वहीं आज सीबीआइ ने रेल घोटाला मामले में अपना शिकंजा कसते हुए उन्हें 11 सितंबर को दिल्लीतलबकिया है.साथ हीउनकेपुत्र तेजस्वी यादव को भी इस मामले में पूछताछ के लिए 12 सितंबर को बुलाया गया है. जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए जदयू प्रवक्ता नीरज सिंह ने हुए कहाकि घोटाला, घपले लालू यादव की आदत में शामिल है. उन्होंने कहा कि एमएलसी बनाने के लिए जमीन, मकान लिखवा लेना लालू यादव का व्यवसाय बन गया था. उन्होंने कहा कि लालू यादव द्वारा राजनीति को व्यवसाय बनाये जाने का ही नतीजा है कि आज तेजस्वी यादव महज 28 साल की उम्र में अकूत संपत्ति के मालिक बन गये है.

उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले ही आयकर विभाग ने पटना स्थित कार्यालय में बेनामी संपत्ति मामले में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से लंबी पूछताछ की थी और अब सीबीआइ ने रेल घोटाला मामले में लालू और तेजस्वी को तलब किया है.

क्या हैं मामला
दरअसल, रांची और पुरी के चाणक्य बीएनआर होटल जोकि रेलवे के हेरिटेज होटल थे. आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए इन होटलों को अपने करीबियों को लीज पर बेच डाला था. ये दोनों होटल अंग्रेजों के जमाने के थे इसलिए इसका ऐतिहासिक महत्व था पर अब नहीं रहा क्योंकि इन होटल्स को पूरा रेनोवेटेड कर दिया गया है. बताया जाता है कि लालू प्रसाद एवं उनके परिवार के खिलाफ एक हजार करोड़ की बेनामी संपत्ति का मामला रांची और पुरी से जुड़ा हुआ है. लालू प्रसाद जब रेल मंत्री थे तब रेल मंत्रालय ने रांची एवं पुरी के ऐतिहासिक होटल बीएनआर को लीज पर देने का निर्णय लिया.

इस लीज के लिए रांची के कुछ होटल कारोबारियों के अलावा लालू प्रसाद के निकट के सहयोगी एवं झारखंड से राज्यसभा के सांसद प्रेमचंद गुप्ता की कंपनी दोनों होटलों को लेने में सफल रहे और रांची के बीएनआर होटल को पटना के प्रसिद्ध होटल चाणक्य के संचालक हर्ष कोचर को 60 साल के लिए लीज पर मिल गया. पहले तो लीज की अवधि 30 वर्ष रखी गयी, परन्तु बाद में इसकी अवधि बढ़ाकर साठ साल कर दी गयी. आरोप यह भी है कि इन दोनों होटलों को लीज पर देने की जितनी कीमत राज्य सरकार को मिलनी चाहिए वह नहीं मिली. वहीं मामले में लालू प्रसाद का कहना है कि रेलवे ने नियम के तहत इन होटलों को लीज पर दिया था और इससे उनका कोई लेना देना नहीं है.

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