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निचली अदालतों में क्या हैं बुनियादी सुविधाएं

पटना : हाईकोर्ट ने प्रदेश की निचली अदालतों में मूलभूत सुविधाओं के अभाव पर गंभीरता दिखाते हुए अब तक किये गये कार्यों का ब्योरा अगली सुनवाई में पेश करने का निर्देश राज्य सरकार व पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जेनरल को दिया है. मामले की अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद होगी. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन व […]

पटना : हाईकोर्ट ने प्रदेश की निचली अदालतों में मूलभूत सुविधाओं के अभाव पर गंभीरता दिखाते हुए अब तक किये गये कार्यों का ब्योरा अगली सुनवाई में पेश करने का निर्देश राज्य सरकार व पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जेनरल को दिया है. मामले की अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद होगी.
चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन व जस्टिस डाॅ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया था कि सूबे के अनुमंडल न्यायालयों की स्थिति बद-से-बदतर है.
इन न्यायालयों में न तो न्यायाधीशों के बैठने की व्यवस्था है और न ही अधिवक्ताओं के बैठने, शौचालय, पानी, बिजली आदि की ही सुविधा है. जिस कारण न्यायिक कार्यों में काफी व्यवधान उत्पन्न हो रहा है. अदालत को यह भी बताया गया कि 14वें वित्त आयोग के तहत सूबे के सभी 24 अनुमंडलों में व्यवहार न्यायालय के निर्माण हेतु केंद्र सरकार द्वारा राशि भी विमुक्त की जा चुकी है. परंतु निर्माण कार्य की प्रगति क्या हुई है और मूलभूत सुविधाओं के बारे में की गयी कार्रवाईयों का अता-पता नहीं चल पा रहा है. इस संबंध में पिछली सुनवाई में अदालत ने भवन निर्माण विभाग से जवाब देने का निर्देश दिया था.
हाईकोर्ट में सूबे के विभिन्न जिलों में बगैर लाइसेंस और परमिट के चल रही जुगाड़ गाड़ी से हो रहे पर्यावरण प्रदूषण और मोटर वाहन कानून का उल्लंघन करने के मामले में सुनवाई एक सप्ताह के लिए टल गयी. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन व जस्टिस डाॅ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने रोहित कुमार की ओर से दायर लोकहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की.
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि राजधानी सहित गया, मुंगेर, भागलपुर, पूर्णिया, सहरसा, छपरा, मुजफ्फरपुर, दरभंगा आदी जिलों में मोटरसाइकिल को ठेला से जोड़ कर जुगाड़ गाड़ी का निर्माण कर बगैर परमिट और लाइसेंस के धड़ल्ले से व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है. सरकार की ओर से इस पर रोक के लिए कार्रवाई नहीं की जा रही है. वहीं, आॅटो मोबाइल वर्कर्स यूनियन गया के जेनरल सेक्रेटरी ने हलफनामा दायर कर अदालत को बताया कि जुगाड़ गाड़ी मैटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत नहीं आता है, इसलिए कार्रवाई संभव नहीं है.
पर्चा लीक मामले में केस डायरी मांगी
हाईकोर्ट ने बहुचर्चित पर्चा लीक मामले में अभियुक्त बनाये गये आनंद शर्मा की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत से केस डायरी की मांग की है. जस्टिस नीलू अग्रवाल की एकलपीठ ने आनंद शर्मा की ओर से दायर नियमित जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया. सुनवाई के क्रम में अदालत को बताया गया कि याचिकाकर्ता ही वह व्यक्ति है जिसके मोबाइल के वाट्सअप से लीक किया गया पेपर वायरल हुआ था. जांच के क्रम में यह बात भी सामने आयी थी कि परमेश्वर राम के पास 35 लोगों की पैरवी इन्होंने ही की थी.
वायु और ध्वनि प्रदूषण पर सुनवाई चार सप्ताह टली
हाईकोर्ट में सूबे के विभिन्न शहरों मे बढ़ रहे वायु और ध्वनि प्रदूषण के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चार सप्ताह के लिए टल गयी.
चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन व जस्टिस डाॅ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने वेटरन फोरम की ओर से दायर लोकहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की और यह निर्देश दिया.
राज्य सरकार से जवाब-तलब
हाईकोर्ट ने सूबे के बिहार पब्लिक वर्कर्स कांट्रैक्ट डिसप्यूटर आर्बिट्रटर ट्रिब्यूनल का पद फरवरी, 2017 से रिक्त रहने को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से दो सप्ताह के भीतर स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने को कहा है. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन व जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने मनीष सहाय की ओर से दायर लोकहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.

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