कतरास. धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन के निकट साउथ गोविंदपुर साइडिंग की जेजे पिट के पास लगी आग को बुझाने के लिए बीसीसीएल गोविंदपुर क्षेत्र ने तैयारी शुरू कर दी है. इसको लेकर युद्ध स्तर पर उक्त स्थल पर डोजरिंग का कार्य बुधवार से शुरू कर दिया गया. सूत्रों का कहना है कि डीसी रेल लाइन बंदी के बाद प्रबंधन ट्रैक के बगल से कोयला निकालने की तैयारी को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है. 12 सितंबर से टुंडू साइडिंग चालू हो जायेगा.
बंद डीसी रेल लाइन से टुंडू तक मालगाड़ी आयेगी और कोयला अन्यत्र ले जाया जायेगा. बुधवार को क्षेत्र के जीएम केसी मिश्रा, एजीएम एसएस दास, मैनेजर सुमन शरण, सर्वेयर आरबी यादव, एके सिंह, राजेश गुप्ता, बीकेआर ओझा जेजे पिट पहुंचे और कार्यस्थल का जायजा लेकर परियोजना बनाने का काम शुरू कराया.
जेजे पिट की 11 सीम में है आग:बंद साउथ गोविंदपुर कोलियरी की जेजे पिट में 11 सीम में आग लगी है, जहां का तापमान वर्तमान में 90 डिग्री से अधिक है. इसी सीम के निकट डीसी रेल लाइन का ट्रैक नजदीक है. इसके अगल-बगल तकरीबन 13 सीम हैं. 11 सीम की आग अन्य सीम में पहुंच चुकी है. वहां प्रोजेक्ट बनाने की तैयारी चल रही है. वहां प्रस्तावित फोरलेंनिग का भी रास्ता है. यही कारण है कि फोरलेंनिग की भी टीम यहां पहुंच कर अपने नक्शा का अवलोकन कर वापस लौट गयी है. जानकारों ने बताया कि प्रबंधन 11 सीम को परियोजना बनाकर धीरे-धीरे रेलवे ट्रैक की और ओसीपी का विस्तारीकरण कर आग के साथ कोयला निकाला जायेगा.
राइट्स व रेल अधिकारियों की मैराथन बैठक
धनबाद. 15 जून को बंद डीसी रेल लाइन का विकल्प तलाशने का काम लगभग पूरा हो चुका है, इस काम में लगे राइट्स की टीम ने अपनी पूरी रिपोर्ट रेलवे को सौंप चुकी है और अब उस रिपोर्ट से संबंधित एक-एक विकल्प को तलाशा जा रहा है. इसे लेकर बुधवार को डीआरएम मनोज कृष्ण अखौरी के साथ राइट्स की मैराथन बैठक हुई. उसमें रेल मंडल के परिचालन विभाग, इंजीनियरिंग विभाग व अन्य विभाग के अधिकारी शामिल थे. बैठक में ट्रेन परिचालन के लिए सभी रूट पर चर्चा की गयी. पूरा रोड मैप तैयार किया गया. रेलवे उस रिपोर्ट की कॉपी को विभाग के अधिकारियों को सौंपा. सभी अधिकारी अपने स्तर से इसका रिव्यू करेंगे और मंतव्य देंगे. मंतव्य की एक अलग रिपोर्ट बनेगी. सूत्रों के अनुसार इस रिपोर्ट में डीसी लाइन पर फिर से ट्रेन चलाने पर कोई विचार इस रिपोर्ट में नहीं है. भूली स्टेशन से लेकर मतारी के बीच विकल्प निकालने की तैयारी है. मंडल स्तर से रूट तय होने के बाद इसे रेलवे बोर्ड मंजूरी के लिए भेजा जायेगा. उसके बाद इस पर कार्यवाही शुरू होगी. इसमें लगभग चार हजार करोड़ रुपये लागत आने वाला है.
सवारी गाड़ी के बगैर मालगाड़ी चलने नहीं देंगे : हेमंत सोरेन
कतरास. पार्षद डॉ विनोद गोस्वामी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन से रांची में जाकर मिला. श्री सोरेन ने कहा कि अगर मालगाड़ी चल सकती है, तो यात्री ट्रेन क्यों नहीं. यात्री ट्रेन के बिना मालगाड़ी नहीं चलने दी जायेगी. जहां से मालगाड़ी चलाने की कोशिश होगी, वहां आंदोलनकारी उसे रोक दे. झामुमो इसका समर्थन करेगा. सरकार जल्द जनहित को देखते हुए डीसी लाइन को चालू करे.