अमेरिका-रूस संबंध
रूस और अमेरिका एक बार फिर 60-70 के दशक के शीत युद्ध काल में चले गये हैं. एक दूसरे के वाणिज्यिक एवं राजनयिक कर्मचारियों को, एक दूसरे के यहां से निकाल रहे हैं. शीत युद्ध का फायदा तो अमेरिका उठा चुका है. पूर्व के सोवियत रूस को तो उसने खंड-खंड कर ही दिया है, अब […]
रूस और अमेरिका एक बार फिर 60-70 के दशक के शीत युद्ध काल में चले गये हैं. एक दूसरे के वाणिज्यिक एवं राजनयिक कर्मचारियों को, एक दूसरे के यहां से निकाल रहे हैं. शीत युद्ध का फायदा तो अमेरिका उठा चुका है.
पूर्व के सोवियत रूस को तो उसने खंड-खंड कर ही दिया है, अब क्या बाकी बचे भाग को भी टुकड़ों में बांटना है? इस कदम से अमेरिकियों को भारी नुकसान होने वाला है क्योंकि रूस तेजी से चीन की ओर खिसक रहा है. अगर चीन के साथ उसका गठजोड़ हो गया, तो फिर अमेरिका समेत उसके नाटो संगठन के लिए भी मुश्किलें पेश आने लगेंगी. इसलिए अच्छा होगा कि अमेरिका रूस के साथ अपने संबंध को बेहतर बनाये.
जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी
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