पहल. बिजली बिल के झंझट से मिलेगी मुक्ति
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सरकारी भवनों में लगेंगे प्रीपेड मीटर
पहल. बिजली बिल के झंझट से मिलेगी मुक्ति समस्तीपुर : अब सरकारी दफ्तारों में बिल भुगतान नहीं करने के कारण बिजली नहीं कटेगी, और न ही बिजली कंपनी को विपत्र वसूलने के लिए एड़ी-चोटी एक करनी पड़ेगी. राज्य के मुख्य सचिव के निर्देश पर अब जिले के सभी सरकारी विभागों में प्रीपेड मीटर लगाने का […]
समस्तीपुर : अब सरकारी दफ्तारों में बिल भुगतान नहीं करने के कारण बिजली नहीं कटेगी, और न ही बिजली कंपनी को विपत्र वसूलने के लिए एड़ी-चोटी एक करनी पड़ेगी. राज्य के मुख्य सचिव के निर्देश पर अब जिले के सभी सरकारी विभागों में प्रीपेड मीटर लगाने का काम जल्द शुरू किया जायेगा. जहां उन्हें पर्याप्त बिजली के लिए रिचार्ज कराते रहना होगा. वहीं सरकारी आवासों में भी यही व्यवस्था लागू की जा रही है. एमडी ने सभी सरकारी कार्यालयों व आवासों में प्रीपेड मीटर लगाने का निर्देश बिजली कंपनी के अधीक्षण अभियंता को दिया है. इससे बिजली की जितनी खपत होगी, उतना का ही रिचार्ज कराना पड़ेगा.
पूर्व से बकाया चल रहे विपत्रों का भुगतान भी किस्त वाइज किया जायेगा. बिजली कंपनी से जुड़े अधिकारियों की मानें, तो जिला मुख्यालय स्थित सरकारी भवनों से इसकी शुरुआत की जायेगी. प्रीपेड मीटर को रिचार्ज करने के बाद ही बिजली मिलेगी. आधुनिक तकनीकयुक्त इलेक्ट्रानिक मीटर में एक ऐसा डिवाइस लगा है, जो बैलेंस खत्म होते ही मीटर से आपूर्ति बंद हो जायेगी. मीटर में बिजली कंपनी द्वारा जारी किये गये उपभोक्ता आइडी नंबर पर रिचार्ज कराने के बाद ही बिजली आपूर्ति पुन: बहाल हो पायेगी.
विभागीय अभियंताओं के अनुसार बैलेंस खत्म होने के पांच दिन पहले से ही उपभोक्ता को मीटर से संकेत मिलना शुरू हो जायेगा. मीटर में मोबाइल के तर्ज पर बैलेंस जानने की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी. प्रीपेड मीटर व्यवस्था लागू हो जाने से कंपनी को सरकारी कार्यालयों के प्रधान के पास बिल वसूलने के लिए चक्कर काटना नहीं पड़ेगा. विभाग के लिए नयी व्यवस्था वरदान साबित हो सकती है. प्रीपेड मीटर थोड़ा महंगा होने के कारण फिलहाल इसे सरकारी भवनों में लगाया जायेगा. संभवत: अगले चरण में प्रीपेड मीटर घरेलू व व्यवसायिक उपभोक्ताओं को भी उपलब्ध हो जायेगा. प्रीपेड मीटर लगने से बिजली कंपनी में आने वाली सबसे अधिक शिकायत बिल अधिक आने की खत्म हो जायेगी. सरकारी भवनों में प्रीपेड मीटर लगाने से
पहले पुराना बकाया बिल को बिजली कंपनी वसूल करेगी. कंपनी प्रथम चरण में विभाग एग्रीकल्चर कनेक्शनधारियों के यहां प्रीपेड मीटर लगाने का
काम शुरू करेगी.
बिजली ग्राहकों को अपना मीटर घर के बाहर रखना होगा. ऐसा नहीं करने पर बिजली कंपनी कार्रवाई करेगी. घर के अंदर मीटर रहने से रीडिंग लेने में परेशानी होती है व मीटर बाइपास कर बिजली चोरी की संभावना भी रहती है. जेइ ललित कुमार ने बताया कि अब टाउन टू फीडर विशेष अभियान चलाकर घर के अंदर लगे मीटर को बाहर किया जायेगा. कंपनी को रीडिंग लेने में कोई परेशानी नहीं हो इसलिए मीटर को बाहर रखना अनिवार्य है. कंपनी का मानना है कि बिजली चोरी की सबसे बड़ी वजह मीटर से छेड़छाड़ है. लोग घरों में मीटर तक तार ले जाने के बहाने उसे बाइपास कर घर की बिजली जलाते हैं. ऐसे में कंपनी ने मीटर घर के बाहर लगाने का फैसला लिया है. मीटर से दो तार घर के अंदर जायेगी.
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