खगड़िया : मंगलवार को खगड़िया जल प्रलय से बच गया. लोगों की सक्रियता से बड़ा अनहोनी टल गया. खगड़िया शहर से महज 12 किमी दूरी पर अवस्थित तेतारावाद चंदपुरा गांव व ओलापुर के बीच बूढ़ी गंडक का तटबंघ पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. जिससे दर्जनों गांव पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा. हालांकि स्थानीय दोनों गांव के लोगों की सक्रियता एवं इनके घंटों कड़ी मेहनत ने तटबंध को टूटने से बचा लिया. अगर यह तटबंध टूट जाता तो निश्चित ही तबाही आ जाती.
हालांकि गंडक का जल स्तर काफी कम हुआ है. लेकिन बांध के टूटने की स्थिति में काफी नुकसान होता. शहर के अलावा दर्जनों गांव में नदी का पानी फैल जाता. स्थानीय लोगों द्वारा जिला-प्रशासन को तटबंध के क्षतिग्रस्त होने की सूचना दी गयी. जिसके बाद विभाग के बड़े अभियंता के साथ-साथ सहायक अभियंता व प्रशासनिक अधिकारी कटाव स्थल पर पुहचे. एवं वहां कटाव का जायजा लिया, फिर तटबंध के शेष बचे भाग को बचाने में जुट गए. जानकारी के मताबिक मिट्टी के अभाव के कारण इन्हें भी काफी परेशानी हुई.
निगरानी के लिए तैनात होमगार्ड नदारद
बाढ़ अवधि के दौरान तटबंध की निगरानी करने के आदेश दिये जाते रहे है और इस बार भी तटबंध की निगरानी के आदेश के साथ-साथ तटबंध पर होमगार्ड के जवान को तैनात किये गए थे. लेकिन आज की घटना ने इस आदेश के अनुपालन की भी पोल खोल कर रख दी है. स्थानीय लोगों की माने तो तेतारावाद-ओलापुर तटबंध निगरानी कोई नहीं कर रहा था. इनकी इस बातों को थोड़ा अधिक बल इसलिये भी मिल रहा है क्योकि प्रशासन को तटबंध के क्षतिग्रस्त होने की सूचना यहां तैनात सुरक्षा जवान ने नहीं बल्कि स्थानीय लोगो ने दी थी.
अगर यहां तैनात किये गए होमगार्ड ड्यूटी पर तैनात रहते तो तटबंध के नुकसान की जानकारी सभी को रात में ही हो गई होती. लोगो ने तटबंध की यह दुर्दशा सुबह देखी. जबकि ये क्षतिग्रस्त रात से ही हो रही थी. निगरानी नहीं होने के कारण न तो टूटते किसी ने देख पाया और न समय पर इसकी जानकारी आपदा नियंत्रण कक्ष को भेजी गई. लोगों की तकदीर अच्छी रही कि नदि में पानी थोड़ा कम था और लोगों ने इसे हालात को काबू में कर लिया.