भागलपुर : स्थायी बाइपास के निर्माण में पेच ही पेच है. एक पेच खत्म नहीं होता कि दूसरा सामने आ जाता है. जिस पेच के चलते निर्माण कार्य ठप है, उसको दूर करने के लिए कार्य एजेंसी लगातार भाग-दौड़ कर रही है, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी है. निर्माण सामग्री की ढुलाई के लिए जिस 25-30 हाइवे को नो इंट्री में चलने का परमिशन मिला था, वह श्रावणी मेला के दौरान पुलिस प्रशासन ने वापस लिया था और उसको फिर से परमिशन नहीं दिया है. गोपालपुर में रेलवे फ्लाई ओवर ब्रिज का स्ट्रक्चर तैयार है,
लेकिन इस पर गार्डर चढ़ाने के लिए रेलवे से रेल ब्लॉक नहीं मिल रहा है. कार्य एजेंसी के अधिकारी लगातार मालदा रेलवे डिवीजन का चक्कर लगा रहे हैं. यह तो एक मात्र उदाहरण है. अभी कई ऐसे पेच हैं, जो मंत्रालय, शासन-प्रशासन और एनएच के बीच फंसा है. स्टेट हाइवे-19 (भागलपुर-हंसडीहा मार्ग) पर सेंट टेरेसा स्कूल के नजदीक 155 मीटर में जमीन अधिग्रहण नहीं हो सका है. नये सिरे से प्रस्ताव भू-अर्जन विभाग को सौंपा गया है. उनके हेड क्वार्टर से मंजूरी मिल गयी है. अधिग्रहण की कार्रवाई लंबित है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से चेंज ऑफ स्कोप में होनेवाले तमाम कार्यों को अभी तक मंजूरी नहीं मिली. 10 ऐसे नये कार्य हैं, जो चेंज ऑफ स्कोप में स्वीकृत करा पूरा करना है.