नयी दिल्ली : दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने स्वास्थ्य सुविधा योजना को मंजूरी देने में कथित विलंब को लेकर आम आदमी सरकार (आप) सरकार के साथ चली तकरार के एक सप्ताह के बाद स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उपाय तय करते हुए समवार केजरीवाल सरकार की मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने की योजना को मंजूरी दे दी.
दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी मोहल्ला क्लीनिक योजना को बैजल ने अनुमति देते हुयेए इसके कार्यान्वयन में उचित निगरानी के लिए बायोमिट्रिक आधारित आॅनलाइन सिस्टम से लैस कर इस योजना को छह माह के भीतर लागू करने को कहा है. उपराज्यपाल कार्यालय ने एक बयान में बताया कि बैजल ने मोहल्ला क्लिनिक से संबंधित सरकार के प्रस्ताव को पारदर्शिता से लागू करने को मंजूरी दे दी जिससे दिल्ली के लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें. मोहल्ला क्लीनिक प्रस्ताव का उद्देश्य शहर के निवासियों को उनके घरों के निकट निशुल्क प्राइमरी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है.
उपराज्यपाल ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि मोहल्ला क्लीनिकों में तैनात किये जानेवाले डाक्टर और अन्य कर्मियों की नियुक्ति में पारदशर्तिा बरती जाये और इसमें योग्यता के पैमानों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए. इस संबंध में आंकड़ों की हेराफेरी की शिकायतों की जांच के लिए उपराज्यपाल ने प्रशासनिक विभाग को एक ऐसा तंत्र विकसित करने को कहा जिससे मरीजों की संख्या को सत्यापित किया जा सके. गत 30 अगस्त को आप के 45 विधायक मोहल्ला क्लीनिक की फाइल को मंजूरी देने की मांग को लेकर एलजी कार्यालय में कई घंटों तक डटे रहे थे.
इस घटनाक्रम के बाद आप सरकार और एलजी कार्यालय के बीच एक नया टकराव हो गया था. इस बीच, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इस मंजूरी के लिए उपराज्यपाल को तुरंत धन्यवाद दिया और उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार सभी ‘सुरक्षा उपायों’ को लागू करेंगी. केजरीवाल ने ट्वीट किया ‘आपका बहुत धन्यवाद सर. हम आपके आभारी हैं. हम सभी सुरक्षा उपायों को लागू करेंगे.’ सुरक्षा उपायों का मकसद मौजूदा मोहल्ला क्लीनिकों के कार्यान्वयन में प्राप्त शिकायतों का निदान करने के अलावा एक मजबूत स्वास्थ्य निगरानी तंत्र विकसित करना है. इस बारे में मिली शिकायतों के आधार पर मौजूदा मोहल्ला क्लीनिकों की जगह का चयन करते समय पारदर्शिता बरतने की जरूरत पर बल दिया गया है जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ अधिक से अधिक संख्या में लक्षित लोग, खासकर कमजोर वर्ग के लोग उठा सकें। बैजल ने निजी परिसरों में मोहल्ला क्लीनिक खोले जाने के दौरान स्थान का चयन और किराया पीडब्ल्यूडी और सीपीडब्ल्यूडी के नियमों के आधार पर पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से करने को कहा है.
बैजल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ हाल ही में हुई विस्तृत बातचीत के आधार पर इस योजना को मंजूरी दी है. इसमें बैजल ने चिकित्सा सेवाओं और सामग्री की आपूर्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग को सभी आवश्यक निर्देश और औपचारिकताओं का पालन सुनिश्चित करने को कहा है. साथ ही उन्होंने किसी भी दूर्भाग्यपूर्ण घटना से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग को मोहल्ला क्लीनिकों के कामकाज की नियमित रुप से जांच करने को भी कहा है. अरविंद केजरीवाल सरकार की इस परियोजना के तहत शहर में अब तक 110 मोहल्ला क्लीनिक स्थापित किये गये हैं. हालांकि, इस प्रस्ताव को पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका क्योंकि यह प्रस्ताव उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए लंबित था.