पटना : भोजपुरी गीत के सम्राट व बिहार के सीवान जिले के बसंतपुर प्रखंड के मोरना निवासी मोतीलाल मंजुल का देहांत शनिवार को दिल्ली स्थित उनके आवास पर दिल का दौरा पड़ने से हो गया. मंजुल के निधन से पूरा भोजपुरी जगत गमगीन है. उनके लिखे गीतों को बॉलीवुड के कई सुप्रसिद्ध गायकों ने अपनी आवाज दी है. इनमें महेंद्र कपूर, अनुराधा पौडवाल, सोनू निगम, तृप्ति शाक्या आदि शामिल हैं.
इसके अलावा भोजपुरी गायक-गायिकाओं में कल्पना, इंदु सोनाली, मनोज तिवारी, वंदना वाजपेयी, भरत शर्मा, मुन्ना सिंह, गौतम तूफान, तरुण तुफानी, मोनिका अग्रवाल, विजया भारती, ऋ तू चौहान आदि शामिल हैं. इसके अलावा उन्होंने टेली फिल्म्स के लिए संवाद, कहानी, निर्देशन और गीत लिखने के साथ-साथ भोजपुरी फिल्मों के लिए भी गीत लिखा है.
मंजुल ने अपनी लेखनी से कई लोगों को स्टार गायक बनाया. उनकी बेटियों रितु चौहान और सोनी चौहान की आवाज में गाये विवाह और तिलक के गीत आज भी शादी विवाह के वीडियो में पहली पसंद हैं. उन्होंने टी-सीरीज, टिप्स, एचएमवी, नीलम, चंदा समेत कई कंपनियों के साथ काम करते हुए हजारों गाने लिखें हैं, जिनका ऑडियो-वीडियो अलबम और सीडी बाजार में उपलब्ध हैं
मोतीलाल मंजुल ने भोजपुरी के ‘नथुनिये पऽ गोली मारे.. सइयां हमार हो…’, ‘गोरिया चांद के अंजोरिया नियन गोर बाड़ू हो….’, ‘जवन रोग के दवाई ना बैदा बताई, तऽ बुझिहऽ कि प्यार हो गइल…’, ‘बोकवा बोलत नइखे…’, ‘गोरी चुनरी रंगवली सबुग रंग से…’, ‘उड़ी गइल चुनरी चहक गइल चोलिया…’, लालू भइया के होली मजेदार…’ आदि कर्णप्रिय गीत आज भी भोजपुरिया लोगों की पहली पसंद है.
इसके अलावा उन्होंने टी-सीरीज के लिए कॉमेडी टेली फिल्म्स ‘बिहारी लोटा’, ‘ससुर के खिचड़ी’, ‘चाचा के साली हमर घरवाली’ के साथ-साथ लव स्टोरी पर बनी फिल्म ‘गुलबिया के प्यार में’, भक्ति टेली फिल्म्स ‘थावे के भवानी’, ‘गंगा जइसन छठी मैया’, भोजपुरी अलबम ‘नथुनिये पर गोली मारे’ को अपनी लेखनी से संजोया है. इसके अलावा उनके लिखे विवाह से संबंधित गीत ‘समधिन झंडी मार’, ‘शुभ तिलक’, ‘प्यारी-प्यारी दुलहिन’, ‘अलबेला दूल्हा’ में दूल्हा और दुल्हन दोनों पक्षों की ओर से गीतों को कलमबद्ध किया है. मंजुल जी भोजपुरी फिल्मों को सशक्त करने के लिए भी कई गीत लिखे. उनके लिखे गीत भोजपुरी फिल्म ‘देवा’, ‘भाई होखे तऽ भरत जइसन’, ‘पिया छोड़ के न जा तूऽ’, ‘मांटी मांगे प्यार’, ‘घूंघट के छांव में’ ‘थानेदार’ में हैं.
भोजपुरी सम्राट को उनकी लेखनी के लिए भी कई पुरस्कार मिले हैं. इनमें ‘भोजपुरी ग्रेट सम्राट’, ‘रामेश्वर सिंह कश्यप (लोहा सिंह) अवार्ड’, ‘शारदा सम्मान’, ‘प्रवासी रत्न सम्मान’, ‘लोक कवि सम्मान’, ‘कला संस्कृति सम्मान’, ‘पूर्वांचल गौरव सम्मान’ भी मिल चुका है.