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BIHAR : …और रेलवे के पार्सल में ‘खो’ गये बेटी के सपने

किताबें नहीं पहुंच पायीं सिकंदराबाद, सचिवालय कर्मी ने लगायी गुहार पटना : नेट की तैयारी से संबंधित किताबों का पार्सल खो गया है. दानापुर स्टेशन से 19 अगस्त को यह पार्सल सिकंदराबाद के लिए बुक किया गया था. रेलवे के लिए भले ही यह सामान्य बात हो, पर सचिवालय में कार्यरत विपिन कुमार के लिए […]

किताबें नहीं पहुंच पायीं सिकंदराबाद, सचिवालय कर्मी ने लगायी गुहार
पटना : नेट की तैयारी से संबंधित किताबों का पार्सल खो गया है. दानापुर स्टेशन से 19 अगस्त को यह पार्सल सिकंदराबाद के लिए बुक किया गया था. रेलवे के लिए भले ही यह सामान्य बात हो, पर सचिवालय में कार्यरत विपिन कुमार के लिए यह किसी झटके से कम नहीं है.
एक-एक किताबें उन्होंने किस तरह बेटी के लिये जुटाई थीं. वही जानते हैं. सपना था कि बेटी इन किताबों से नेट की तैयारी कर नाम रोशन करेगी, पर बेटी तक पहुंचने से पहले ही किताबों का पार्सल गायब हो गया है. अब इसकी छानबीन शुरू हो गयी है.
एनआर सेल के पाले में गेंद : दानापुर स्टेशन पर तैनात चीफ पार्सल सुपरवाइजर ऋषिकेश ओझा ने बताया कि पार्सल को लेकर विभाग गंभीर है. बाकायदा एनआर सेल को भी लिखा गया है. अब उसी स्तर से इसकी जांच होगी. करीब-करीब रास्ते में पड़नेवाले सभी स्टेशनों के चीफ पार्सल सुपरवाइजरों से बात हो गयी है. पर, पार्सल के बारे में जानकारी नहीं मिल पा रही है. जरूरत पड़ी तो रेल पुलिस की भी मदद ली जायेगी.
यह है मामला
सचिवालय में कार्यरत विपिन कुमार ने 19 अगस्त को दानापुर स्टेशन से सिकंदराबाद के लिए पार्सल बुक किया. इसके एवज में उन्होंने बाकायदा 216 रुपये भी अदा किये. इस पार्सल में नेट की तैयारी से संबंधित किताबें थीं. विपिन कुमार की बेटी पूजा हैदराबाद में अपने पति के साथ रहती है.
यह पार्सल सिकंदराबाद से उसी के पास जाना था. कई दिन बीत जाने के बाद भी जब पार्सल पूजा तक नहीं पहुंचा, तो विपिन कुमार दानापुर स्टेशन के पार्सल कार्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने कर्मचारियों से संपर्क साधा. जानकारी जुटायी, तो बताया गया कि पता किया जा रहा है कि आखिर पार्सल कहां गया. जल्दी ही मिल जायेगा.
चक्कर पर चक्कर : दो बार चक्कर लगाने के बाद भी पार्सल को लेकर रेलकर्मी कोई पुख्ता जानकारी नहीं दे पाये तो विपिन कुमार शनिवार को एक बार फिर पार्सल कार्यालय पहुंचे. उन्होंने पार्सल कार्यालय में मौजूद चीफ पार्सल सुपरवाइजर ऋषिकेश ओझा से संपर्क किया.
उन्होंने एक बार फिर पार्सल को लेकर जानकारी मांगी. यह भी बताया कि उसमें ऐसी किताबें थीं, जिससे उनकी बेटी पूजा नेट की तैयारी करने वाली थी. वह हैदराबाद गयी तो किताबें घर पर रह छूट गयी थीं.
इसलिए उन्होंने इसे पार्सल से भेजा था. ऐसे में अगर किताबें नहीं मिलेंगी तो वह तैयारी कैसे कर पायेगी. कोई और सामान होता तो भूल भी जाते. पर, ये किताबें तो सपनों से जुड़ी हैं. अपनी बेटी को एक खास मुकाम पर पहुंचाने के मकसद से ही विपिन ने इतना सबकुछ किया था. एक-एक किताबें जुटायी थीं और पार्सल किया था.

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