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भागलपुर में होंगे सदर डीएसपी, तीन अन्य जिलों में नये डीएसपी

भागलपुर : पुलिस अधिकारियों की कमी से जूझ रहे भागलपुर जोन के भागलपुर सहित अन्य जिलों के लिए खुशखबरी है. सरकार ने भागलपुर सहित इस जोन के तीन अन्य जिलों के लिए एक-एक नये डीएसपी का पद स्वीकृत कर लिया है. भागलपुर जोन के जिन जिलों में नये डीएसपी का पद स्वीकृत किया गया है […]

भागलपुर : पुलिस अधिकारियों की कमी से जूझ रहे भागलपुर जोन के भागलपुर सहित अन्य जिलों के लिए खुशखबरी है. सरकार ने भागलपुर सहित इस जोन के तीन अन्य जिलों के लिए एक-एक नये डीएसपी का पद स्वीकृत कर लिया है. भागलपुर जोन के जिन जिलों में नये डीएसपी का पद स्वीकृत किया गया है उनमें भागलपुर के अलावा मुंगेर, खगड़िया और जमुई शामिल हैं.

डीएसपी पद की स्वीकृति का पत्र मिलने के बाद भागलपुर जोन के आइजी सुशील मानसिंह खोपड़े ने भागलपुर एसएसपी और अन्य तीन जिलों के एसपी से डीएसपी के नव सृजित पद का पदनाम मांगा था जो सभी जिलों ने उन्हें भेज दिया है. आइजी ने चारों डीएसपी का पदनाम मुख्यालय को भेज दिया है. बहुत जल्दी इन जिलों को नये डीएसपी मिल जायेंगे.

इसलिए जरूरी हैं जिलों में नये डीएसपी : भागलपुर की बात करें तो यह बड़ा जिला है और जिले के सभी 42 थाने और आेपी सिर्फ तीन डीएसपी के कार्य क्षेत्र के अंतर्गत हैं जिससे डीएसपी पर दबाव बना रहता है. डीएसपी के इतने थानों का सुपरविजन करते हुए लॉ एंड आॅर्डर को संभालना चुनौती से कम नहीं. भागलपुर से ट्रैफिक डीएसपी के पद की स्वीकृति के लिए भी मुख्यालय को लिखा जा चुका है. वहीं मुंगेर और जमुई जिला नक्सल प्रभावित है. मुंगेर के नक्सली इलाके में पुलिस की चौकसी तो रहती है
पर इससे जमालपुर का बड़ा इलाका बिना डीएसपी के रह जाता है जिससे सुपरविजन और लॉ एंड ऑर्डर की परेशानी होती है. जबकि जमुई में लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी का पद स्वीकृत हो जाने से नक्सलियों से निबटने में पुलिस और सक्षम होगी. इधर खगड़िया जिले में लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी नहीं होने की वजह से बेलदौर और चौथम ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले थानों के सुपरविजन और लॉ एंड ऑर्डर को लेकर परेशानी होती है.
भागलपुर के अलावा मुंगेर, खगड़िया और जमुई जिलों के लिए एक-एक नये डीएसपी का पद सरकार ने स्वीकृत किया
परेशानी कम होगी सदर डीएसपी के होने से
भागलपुर जिले में सभी ओपी और थाने (महिला और एससी/एसटी थाना सहित) की संख्या 42 है. जबकि डीएसपी हैं सिर्फ तीन. सबसे बड़ी समस्या लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी के लिए है क्योंकि उनके कार्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले थानों का इलाका बिल्कुल अलग है. एक तरफ लोदीपुर और गोराडीह है तो दूसरी तरफ शाहकुंड और सुल्तानगंज. सदर डीएसपी का पद स्वीकृत हो जाने से नाथनगर, अकबरनगर, मधुसूदनपुर, ललमटिया और हबीबपुर जैसे थाने उनके अंतर्गत हो जायेंगे जिससे सिटी डीएसपी पर दबाव होगा.
इन डीएसपी के कार्य क्षेत्र के अंतर्गत इतने थाने
सिटी डीएसपी -18 थाना व ओपी (महिला और एससी/एसटी थाना सहित)
कहलगांव एसडीपीओ – 15 थाना व ओपी
लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी – नौ थाना
इन जिलों में लंबे समय से एक-एक नये डीएसपी की हो रही थी मांग
भागलपुर में सदर डीएसपी का पदनाम मुख्यालय को भेजा गया
चार जिलों भागलपुर, मंगेर, जमुई और खगड़िया में एक-एक डीएसपी के लिए पद स्वीकृत किया गया है. मुख्यालय से पत्र मिलने के बाद इन जिलों के एसपी से पदनाम मांगा गया था जो मुख्यालय को भेज दिया गया है.
सुशील मानसिंह खोपड़े, जोनल आइजी भागलपुर
सदर डीएसपी का पद स्वीकृत करने के लिए मुख्यालय को पत्र लिख कर आग्रह किया गया था. सदर डीएसपी होने से सिटी डीएसपी के दबाव को कम किया जा सकेगा. नाथनगर इलाके के थाने सदर डीएसपी के अंतर्गत होंगे.
मनोज कुमार, एसएसपी भागलपुर
मुंगेर नक्सल प्रभावित जिला है. नक्सल और आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए एक डीएसपी की जरूरत थी. मैंने जमालपुर एसडीपीओ का पदनाम इसलिए भेजा है क्योंकि जमालपुर एसडीपीओ का पद पहले था जिसे खत्म कर दिया गया था.
आशीष भारती, एसपी मुंगेर
एक डीएसपी की जिले की बहुत जरूरत है. मैंने लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी के पदनाम के लिए पत्र भेजा है. लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी के होने से बेलदौर और चौथम ब्लॉक के थानों का सुपरविजन और लॉ एंड आॅर्डर की परेशानी को दूर किया जा सकेगा.
मीनू कुमारी, एसपी खगड़िया
जमुई नक्सल प्रभावित जिला है. जिले में लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी का होना जरूरी है जिसके अंतर्गत कुछ थाने होंगे जिससे नक्सल गतिविधि पर कड़ी नजर रखने और केस के सुपरविजन में आसानी होगी.
जयंत कांत, एसपी जमुई

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