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सूची को लेकर मुखिया व राजस्व कर्मी में रार

छातापुर : बीते दिनों अंचल क्षेत्र में आयी बाढ़ के बाद अब बाढ़ से प्रभावित परिवारों के बीच राहत वितरण का दौर भी जारी है. बाढ़ राहत के लिए पंचायत अनुश्रवण समिति से स्वीकृत सूची को मान्यता दी गयी है. लेकिन पंचायत अनुश्रवण समिति से प्रभावित परिवारों की सूची जमा करने में मुखिया के पसीने […]

छातापुर : बीते दिनों अंचल क्षेत्र में आयी बाढ़ के बाद अब बाढ़ से प्रभावित परिवारों के बीच राहत वितरण का दौर भी जारी है. बाढ़ राहत के लिए पंचायत अनुश्रवण समिति से स्वीकृत सूची को मान्यता दी गयी है. लेकिन पंचायत अनुश्रवण समिति से प्रभावित परिवारों की सूची जमा करने में मुखिया के पसीने छूट रहे हैं. वहीं सूची को स्वीकृति प्रदान करने में प्रशासन द्वारा उदासीनता बरती जा रही है. सूत्रों की मानें तो भीमपुर सहित कुछ पंचायतों में तो सरकार के आदेश की खुले तौर पर अनदेखी की जा रही है.

वह इसलिए कि मुखिया द्वारा सौपी गई अनुश्रवण की सूची को दरकिनार कर राजस्व कर्मियों की सूची के अनुसार फूड पैकेट का वितरण शुरू कर दिया गया है. जिसका नतीजा है कि बहुत से ऐसे प्रभावित परिवार हैं. जिसका राजस्व कर्मी के सूची में नाम नहीं है और उसे फूड पैकेट राहत से वंचित होना पड़ रहा है. दरअसल राजस्व कर्मियों द्वारा ऐसे परिवारों का नाम सूची में शामिल किया गया है. जिसके पास राशन कार्ड या अंत्योदय कार्ड है. भीमपुर पंचायत के मुखिया विरेंद्र दास ने बताया कि अनुश्रवण समिति द्वारा स्वीकृत सूची को अंचल कार्यालय ने

अस्वीकार कर दिया. इस संदर्भ में जब राजस्व कर्मी से पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि जिसके पास राशन कार्ड है सिर्फ उसी परिवार को बाढ़ राहत का लाभ देने का निर्देश है. मुखिया ने बताया कि पंचायत के छह वार्ड यानी वार्ड नंबर नौ,10,11,12,13 एवं 14 पूरी तरह पानी में डूबा हुआ था. जिसमें प्रभावित परिवारों की संख्या तकरीबन तीन हजार है. इनमें बहुत ऐसे परिवार हैं जिनके पास पीएचएच, अंत्योदय या किसी प्रकार का कार्ड नहीं है. लेकिन सामाजिक आर्थिक जनगणना में उनका नाम दर्ज है. बावजूद इसके अंचल प्रशासन ऐसे प्रभावित परिवारों को राहत देने से इनकार कर रही है. जिसका नतीजा यह है कि राहत से वंचित परिवारों के आक्रोश का उन्हें शिकार होना पड़ रहा है.

सूची जमा कराने को लेकर मुखिया लगा रहे हैं चक्कर
बाढ़ राहत सामग्री प्रदान करने के लिए प्रभावित परिवारों की सूची बनाने तथा उसे अनुश्रवण समिति से स्वीकृति प्रदान कराने की मशक्कत के बाद अब मुखिया को सूची जमा करने हेतु अंचल कार्यालय का फेरा लगाना पड़ रहा है. जबकि कई पंचायत के आधे अधूरे सूची पर फूड पैकेट का वितरण भी शुरू कर दिया गया है. सूची जमा देने के लिए परेशान छातापुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि संजीव कुमार भगत ने बताया कि गुरूवार की सुबह अनुश्रवण समिति के सदस्यों के साथ वे सीओ आवास पहुंच उसे प्रभावित परिवारों की सूची सौंपा. वहीं सूची अनुरुप राहत सामग्री का वितरण कराने हेतु कई पंचायतों के मुखिया कार्यालय का चक्कर लगाकर परेशान हैं. जो अब तक सूची भी जमा नहीं कर पाये हैं और उन्हें प्रभावित परिवारों को राहत से वंचित हो जाने का भय सता रहा है. लक्षमीनियां, ठूंठी, जीवछपुर, लालगंज पंचायत के मुखिया की मानें तो अंचल प्रशासन ने आनन फानन में उनसे आधा अधूरा सूची प्राप्त कर लिया है. जबकि प्रभावित परिवारों की संख्या बहुत ज्यादा है. माधोपुर, झखाड़गढ पंचायत के मुखिया ने बताया कि उनके पंचायत में प्रभावित परिवारों की संख्या लगभग तीन हजार है. लेकिन अंचल प्रशासन इसे मानने के लिए तैयार नहीं है. ऐसी स्थिति में सैकड़ों प्रभावित परिवार बाढ़ राहत से वंचित रह जायेंगे.
कहते हैं प्रभारी पदाधिकारी
प्रखंड प्रभारी पदाधिकारी सह त्रिवेणीगंज डीसीएलआर गोपाल कुमार ने बताया कि 15 में अब तक नौ पंचायत की सूची उन्हें प्राप्त हुई है. शेष पंचायतों की सूची प्राप्त करने का कार्य चल रहा है. बताया कि अनुश्रवण समिति से पारित सूची के आलोक में ही फूड पैकेट वितरण प्रारंभ किया गया है.
कहते हैं एसडीएम
त्रिवेणीगंज एसडीएम विनय कुमार सिंह ने बताया कि सूची में नाम शामिल कराने के लिए प्रभावित परिवारों को राशन कार्ड या अंत्योदय कार्ड का होना जरूरी नहीं है. राहत प्रदान करने के लिए अनुश्रवण समिति से पारित सूची ही मान्य है. बताया कि इन कार्यों की निगरानी के लिए डीसीएलआर को प्रभारी पदाधिकारी बनाया गया है. जहां संबंधित प्रतिनिधि किसी भी प्रकार की शिकायत कर सकते हैं.

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