24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दुर्लभ सत्याग्रही समुदाय और दुनिया की खूबसूरत प्रार्थना

!!निराला बिदेसिया!! अबकी 30 अगस्त को भी वैसा ही था. हर दिन की तरह. देश-दुनिया की खबरें एक-दूसरे को आड़े-तिरछे काटते हुए, एक दूसरे से पार करने की होड़ में थी. इन सबके बीच, इन सबसे परे झारखंड के एक इलाके में, एक समुदाय दूसरी दुनिया में मगन था. अपनी अनोखी और दुर्लभ दुनिया में. […]

!!निराला बिदेसिया!!

अबकी 30 अगस्त को भी वैसा ही था. हर दिन की तरह. देश-दुनिया की खबरें एक-दूसरे को आड़े-तिरछे काटते हुए, एक दूसरे से पार करने की होड़ में थी. इन सबके बीच, इन सबसे परे झारखंड के एक इलाके में, एक समुदाय दूसरी दुनिया में मगन था. अपनी अनोखी और दुर्लभ दुनिया में. एक अलग किस्म के उत्सव-आराधना में लीन. वह समुदाय था टाना भगतों का और इलाका था झारखंड की राजधानी रांची से सटे बेड़ो का.

झारखंड, जहां हर रोज किसी न किसी कोने में एक से एक आंदोलन होते हैं, जिस तरह से लोगों का जुटान होता है, नारे लगते हैं, उस दृष्टि से काफी कम संख्या थी. कोई नारा भी नहीं था. बस अलग-अलग हिस्से से जुटे लोग झक्क सफेद कपड़े में तिरंगे के सामने खड़ा होकर, घंटी बजाते हुए, हाथ में जनेउ पकड़कर, उरांव भाषा में मंत्रोच्चार जैसा सस्वर पाठ कर रहे थे. प्रार्थना खत्म होने के बाद टाना भगत समुदाय के एक प्रमुख गंगा टाना भगत उसका हिंदी अनुवाद समझाते हैं. रोम-रोम में सिहरन होती है. यह पाठ दुनिया की सबसे खूबसूरत प्रार्थना लगती है. हिंदी अनुवाद यह होता है.

‘‘ हे धर्मेश. दुनिया में शांति बनाए रखना. हिंसा, झूठ और बेईमानी की जरूरत मानव समुदाय और समाज को न पड़े. धर्मेश, हमें छाया देते रहना. हमारे बाल-बच्चों को भी. खेती का एक मौसम गुजर रहा है, दूसरा आनेवाला है. हम खेती के समय हल-कुदाल चलाते हैं. संभव है हमसे, हमारे लोगों से कुछ जीव-जंतुओं की हत्या भी हो जाती होगी. हमें माफ करना धर्मेश. क्या करें, घर-परिवार का पेट पालने के लिए अनाज जरूरी है न! समाज-कुटुंब का स्वागत नहीं कर पायेंगे, उन्हें साल में एक-दो बार भी अपने यहां नहीं बुलायेंगे तो अपने में मगन रहनेवाले जीवन का क्या मतलब होगा! इन्हीं जरूरतों की पूर्ति के लिए हम खेती करते हैं. खेती के दौरान होनेवाले अनजाने अपराध के लिए हम आपसे क्षमा मांग रहे हैं. धर्मेश, हमें कुछ नहीं चाहिए, बस बरखा-बुनी समय पर देना, हित-कुटुंब-समाज से रिश्ता ठीक बना रहे, सबको छाया मिलती रहे, और कुछ नहीं.’’

यह मंत्र किसी वीरान जंगल में नहीं दुहराया जाता. झारखंड की राजधानी रांची के आसपास दुहराया जाता है. हर गुरुवार को सामूहिक बैठक कर और तिरंगा झंडा बदलकर सामूहिक संकल्प के साथ साल भर में पांच बार खास आयोजन कर. रथयात्र मेले के पहले, होली के पहले, दिवाली के पहले, गांधी जयंती के मौके पर और पिछले सात सालों से हर साल 30 अगस्त को मुक्ति दिवस के दिन.

मुक्ति दिवस क्या है, यह सवाल गंगा टाना भगत के सामने रखते हैं. वे संक्षेप में बताते हैं-‘‘ हमारा मुक्ति दिवस बहुत छोटी उपलब्धि पर उम्मीदों के सहारे जीनेवाले समुदाय के लिए बड़ा उत्सव है. आजादी की लड़ाई के दौरान ही अंगरेजों ने टाना भगतों की जमीन को नीलाम कर दिया था. 1947 में ही उसकी वापसी के लिए विशेष एक्ट बना था लेकिन जमीन वापसी नहीं हो पा रही थी. आठ साल पहले 30 अगस्त को ही जब पहली बार कुछ परिवारों को जमीन का एक बहुत ही छोटा हिस्सा वापस मिला, अलग पुस्तिका बनी तो टाना भगतों को लगा कि अब तो आगे सब अच्छा होगा और उसी उम्मीदों के पंख पर सवार होकर ये मुक्ति दिवस का उत्सव मनाने लगे.

गंगा टाना भगत कहते हैं, “हमारा समुदाय गांधीजी के पहले से ही अंगरेजों से और सत्य-अहिंसा की लड़ाई लड़ रहा था. हमारे नायक व पुरोधा जतरा टाना भगत ने आदिवासी होते हुए आदिवासियों से अलग एक सामुदायिक परंपरा की शुरुआत अहिंसा मार्ग अपनाते हुए ही की थी. 20वीं सदी के आरंभ में ही मांसाहार, बलि और नशे के खिलाफ अभियान चलाया था. तब आदिवासियों का एक बड़ा हिस्सा उनका अनुयायी बन गया था. टाना भगत समुदाय के पुरोधा जतरा टाना भगत और गांधीजी में मुलाकात तक नहीं हुई थी. चंपारण सत्याग्रह के दौरान जब गांधीजी झारखंड पहुंचे थे, उसके बहुत पहले ही जतरा टाना भगत दुनिया से विदा हो चुके थे. गांधी झारखंड पहुंचे तब इस समुदाय के लोगों से मिले, जो बहुत पहले से ही अपने तरीके से सत्य-अहिंसा के प्रयोग के साथ अंगरेजों को लगान न देकर देशभक्ति की लड़ाई लड़ रहा था. खेती में कपास उगाकर अपने कपड़े भी खुद तैयार करता था. पहले हमारे समुदाय का झंडा सादा हुआ करता था, वेश भी सादा, जीवन भी सादा, लेकिन गांधीजी के आग्रह पर हमारे समुदाय ने सादे झंडे को चरखाछाप तिरंगे में बदला और बाद में हम गांधी के ही हो गये, अब तक हैं, कोशिश होगी कि हमेशा रहें भी.”

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें