रांची : ‘अच्छे दिन’ का ख्वाब दिखा कर सत्ता में आयी नरेंद्र मोदी के नेतृत्ववाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने लोगों को सिलिंंडर Shock दिया है. उनकीरसोई में आग लगा दी है. रसोई गैस की कीमतों में अब तक की सबसे बड़ी 74 रुपये की वृद्धि करके नरेंद्र मोदी की सरकार ने लोगों काबजट बिगाड़ दिया है.
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में धीरे-धीरे मोटी वृद्धि करने के बाद रसोई पर भाजपा सरकार की यह बड़ी मार है. कीमतों में 74 रुपये की वृद्धि के बाद 14.2 किलो के घरेलू गैस सिलिंडर की कीमत अब 642.50 रुपये हो गयी. इस पर 146.03 रुपये की सब्सिडी मिलेगी. उधर, कॉमर्शियल गैस सिलिंडर की कीमतों में भी 114 रुपये का भारी-भरकम इजाफा हुआ है. इस तरह वाणिज्यिक सिलिंडर की नयी कीमत 1163 रुपये हो गयी है.
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केंद्र सरकार अपना बजट सुधारने के लिए देश के आम लोगों की बजट बिगाड़ने में जुट गया है. सरकार ने पिछले दिनों सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों से कहा था कि मार्च, 2018 तक 14.2 किलोवाले एलपीजी सिलिंडर पर सब्सिडी खत्म करने के लिए हर महीने 4 रुपये की दर से कीमतें बढ़ाये.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि पिछले दिनों सरकार ने संसद को बताया था कि रसोई गैस की कीमतों पर सब्सिडी खत्म करने के लिए तेल कंपनियों को हर महीने 2 रुपये प्रति सिलिंडर कीमत बढ़ाने के लिए अधिकृत किया गया है. इससे सब्सिडी का बोझ खत्म करने में मदद मिलेगी.
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इसके बाद कंपनियों को हर महीने प्रति सिलिंडर 4 रुपये कीमत बढ़ाने के आदेश दे दिये गये, जो 1 जून से लागू हो गया. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संसद को बताया था कि सरकार चाहती है कि मार्च, 2018 तक एलपीजी पर सब्सिडी ‘शून्य’ हो जाये. इसलिए कीमतों में इजाफे की कंपनियों को छूट दी गयी है. इतना ही नहीं, श्री प्रधान ने संसद को यह भी बताया था कि इस लक्ष्य को पहले भी हासिल किया जा सकता है.
ज्ञात हो कि 1 जुलाई, 2017 तक सब्सिडीवाले सिलिंडर के 18.12 करोड़ उपभोक्ता देश में थे. इनमें से 2.5 करोड़ गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करनेवाले लोग हैं. इन्हें प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी सिलिंडर का कनेक्शन दिया गया है. 2.6 करोड़ उपभोक्ता ऐसे हैं, जो सब्सिडी का लाभ नहीं लेते.