नयी दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने 500 और 1000 रुपये के बंद नोटों को जमा कराने के लिए एक और अवसर देने की संभावना से इनकार कर दिया है. सरकार अब कह रही है कि उसे उम्मीद थी कि बंद किये गये पूरे नोट बैंकों में पास आ जायेंगे, जो रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुरूप है. रिजर्व बैंक ने की ओर से बुधवार को जारी सालाना रिपोर्ट के अनुसार, कुल 15.44 लाख करोड़ रुपये के पुराने 500 और 1000 रुपये मूल्य के नोटों में 99 फीसदी नोट बैंकों में वापस आ गये हैं.
इसे भी पढ़ें: RBI ने पार्लियामेंट्री कमेटी को नहीं दी 500 और 1000 रुपये के नोटों की वापसी की जानकारी, बदलेगी रिपोर्ट
इस बीच कुछ लोगों ने सरकार से उनके पास बचे रह गये 500 और 1000 के सीमित संख्या में नोटों को जमा कराने के लिए एक और अवसर देने की मांग की है. आर्थिक मामलों के सचिव एससी गर्ग ने कहा कि फिलहाल, इसकी कोई संभावना नहीं है. उनसे पूछा गया था कि क्या लोगों को अपने पास बचे रहे गये बंद नोटों को जमा कराने का दूसरा अवसर मिलेगा. रिजर्व बैंक के बयान के बाद मंत्रालय ने बुधवार को कहा था कि सरकार को उम्मीद थी कि सारे बंद नोट बैंकिंग प्रणाली में वापस आ जायेंगे.
हालांकि, तत्कालीन अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि सरकार को उम्मीद है कि बंद नोटों में से सिर्फ10-11 लाख करोड़ रुपये के नोट बैंकिंग प्रणाली में लौटेंगे. राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने सात दिसंबर को ट्वीट किया था कि हम यह भविष्यवाणी नहीं करते हैं कि सरकार उम्मीद करती है कि नोटबंदी का सारा पैसा प्रणाली में वापस आ जायेगा. गर्ग ने कहा कि ज्यादातर परिवारों के पास ऊंचे मूल्य के नोट थे, जिनका इस्तेमाल वे नोटबंदी से पहले भुगतान करने के लिए करते थे.
उन्होंने कहा कि इस बात की स्पष्ट उम्मीद थी कि इसमें से ज्यादातर पैसा वापस आ जायेगा. लोग इसके बारे में अलग-अलग अनुमान लगा रहे थे, लेकिन केंद्र ने कभी यह नहीं कहा था कि इसमें से कुछ बंद नोट वापस नहीं लौटेंगे.
सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल के बयान पर उन्होंने कहा कि यह एक राय थी. रिजर्व बैंक द्वारा 2016-17 के लिए आधे से कम लाभांश भुगतान पर गर्ग ने कहा कि बजट में हमने 58,000 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया था.
रिजर्व बैंक ने 44,000 करोड़ रुपये के अधिशेष का अनुमान लगाया था. रिजर्व बैंक ने सरकार को 30,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित किये हैं. हम केंद्रीय बैंक से इस बात पर विचार-विमर्श कर रहे हैं कि क्या और स्थानांतरण की गुंजाइश है, क्योंकि बजट अनुमान 58,000 करोड़ रुपये था.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.