मुजफ्फरपुर: बाढ़ पीड़ितों को इस बार अनाज के बदले नकद सहायता राशि दी जायेगी. इसके लिए पूरे जिले में सर्वे का काम चल रहा है. इसके माध्यम से यह पता लगाया जा रहा है कि वास्तव में कौन-कौन परिवार बाढ़ पीड़ित है. सरकारी निर्देशों के अनुसार, बाढ़ पीड़ितों को बकरीद से पूर्व प्रभावित परिवारों को नकद अनुदान के रूप में तीन हजार व खाद्यान्न मद में तीन हजार रुपये दिये जाने हैं.
यह राशि लाभुकों के खाते में ट्रांसफर की जायेगी. अनुश्रवण समितियों को निर्देश दिया गया है कि वे जो सूची तैयार कर रहे हैं, उसमें पीड़ित परिवार के मुखिया का बैंक अकाउंट नंबर, बैंक का नाम, शाखा का नाम व आइएफएससी कोड भी अंकित करें. बाढ़ के कारण जिन लोगों के घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, उन्हें घर की मरम्मती के लिए छह हजार रुपये, बर्तन के लिए दो हजार रुपये व वस्त्र के लिए अठारह सौ रुपये अलग से दिये जायेंगे.
अनुश्रवण समिति को निर्देश दिया गया है कि जिनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनके साथ क्षतिग्रस्त घर की फोटोग्राफी भी करवायें. फसल क्षति व पशु क्षति के लिए भी सरकार अलग से अनुदान देगी. फिलहाल सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, 10 प्रखंड में 352 गांवों के आठ लाख 42 हजार 127 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. 39 हजार 399 एकड़ में लगे फसल बरबाद हो चुके हैं, जिसकी कीमत करीब 52 करोड़ 66 लाख रुपये है.
मुशहरी का गंगापुर इन दिनों ‘टेंट सिटी’ बन गया है. यहां भवन प्रमंडल विभाग की ओर से 85 टेंट लगवाये गये हैं. प्रत्येक टेंट में एक परिवार रहता है. जिला जन संपर्क पदाधिकारी नागेंद्र गुप्ता ने बताया कि जब तक प्रभावित लोगों के घरों से पानी नहीं निकल जाता, वे उसी टेंट में रह सकते हैं. डीडीसी शैलजा शर्मा ने मंगलवार को जिले के सभी प्रमुख बैंकों के अधिकारियों के साथ बैठक की. निर्देश दिया कि जैसे ही बाढ़ पीड़ितों के लिए सहायता राशि का एडवाइस बैंकों को भेजा जाये, तत्काल राशि पीड़ित के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिये जायें.
इसमें किसी भी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए. यदि किसी लाभुक का पहले से कोई बैंक खाता नहीं है, तो बीडीओ से समन्वय स्थापित कर अविलंब उनका खाता खोला जाये. जानकारी हो कि सरकार ने बकरीद से पूर्व सभी बाढ़ पीड़ितों के खाते में छह हजार रुपये सहायता राशि के रूप में खाते में उपलब्ध करा देने की घोषणा की है. बैठक में एलडीएम एनके सिंह भी शामिल थे.