सोल : परमाणु हथियारों से संपन्न उत्तर कोरिया ने बुधवार को कहा कि उसने एक दिन पहले जापान के ऊपर एक मिसाइल दागी थी. यह पहली बार है, जब उत्तर कोरिया ने अपने ऐसे किसी कदम को स्वीकार किया है. उत्तर कोरिया के हथियारों के कार्यक्रमों को लेकर उपजे तनाव के बीच उसका हालिया प्रक्षेपण प्योंगयांग द्वारा उकसावे की एक बड़ी कार्यवाही माना जा रहा है. प्योंगयांग के हथियार कार्यक्रम के विरोध से जुडे घटनाक्रम में वह अमेरिकी क्षेत्र गुआम को निशाना बनाकर मिसाइलें दागने की धमकी दे चुका है. इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कडी कार्वाई करने की चेतावनी दी थी.
उत्तर कोरिया की ओर से बयान आने के कुछ ही समय पहले ट्रंप ने कहा कि सभी विकल्प खुले हुए हैं. कुछ ही दिन पहले ट्रंप ने खुद को मुबारकबाद देते हुए कहा था कि उत्तर कोरिया के किम जोंग-उन मिसाइलें दागना बंद करके शायद उनका सम्मान करने लगे हैं. आधिकारिक समाचार एजेंसी केसीएनए ने कहा कि मध्यम दूरी की मिसाइल ह्वासोंग-12 का प्रक्षेपण नेता किम जोंग-उन ने किया.
उत्तर कोरिया की मिसाइल से डरना ज़रूरी क्यों?
इस बयान में कहा गया , कि मिसाइल जापान के होक्काइदो के ओशिमा प्रायद्वीप और केप एरिमो के उपर से हो कर गुजरी. यह पूर्वनिर्धारित मार्ग से गुजरी और उत्तरी प्रशांत में निर्धारित जलक्षेत्र में मौजूद लक्ष्य को निशाना बनाने में सफल रही. दक्षिण कोरिया की सेना ने कल कहा था कि इस मिसाइल ने लगभग 2700 किलोमीटर की यात्रा तय की और यह अधिकतम 550 किलोमीटर की उंचाई तक गयी.
उत्तर कोरिया वर्ष 1998 और 2009 में दो बार जापान के मुख्य भूभाग के उपर से रॉकेट भेज चुका है. दोनों ही बार उसने दावा किया था कि ये अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान थे. केसीएनए ने कहा, कि इस अभ्यास का पडोसी देशों की सुरक्षा पर कोई असर नहीं हुआ. एजेंसी ने कहा कि किम ने प्रक्षेपण पर संतुष्टि जाहिर की है.
एजेंसी ने किम के हवाले से कहा, कि भविष्य में प्रशांत को निशाना बनाकर और अधिक बैलिस्टिक रॉकेट प्रक्षेपण के अभ्यास होंगे.