नयी दिल्लीः बाबागिरी के नाम पर दिल्ली आैर उसके आसपास के इलाकों में सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने इच्छाधारी बाबा के नाम से प्रचलित भीमानंद महाराज को पुलिस ने एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस का कहना है कि इच्छाधारी बाबा को सैक्स रैकेट आैर धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. हालांकि, इस रैकेटबाज इच्छाधारी बाबा को इसके पहले भी पुलिस की आेर से गिरफ्तार किया गया है, लेकिन जमानत पर उसे रिहा कर दिया गया था.
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बताया जा रहा है कि इच्छाधारी बाबा स्वामी भीमानंद को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर अमर काॅलोनी थाना पुलिस को सौंप दिया है. बताया यह भी जा रहा है कि इसके पहले बाबा भीमानंद को वर्ष 2009 में भी सेक्स रैकेट चलाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उस समय इच्छाधारी बाबा को जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, इच्छाधारी बाबा स्वामी भीमानंद उत्तर प्रदेश के चित्रकूट स्थित चमरौहा गांव के निवासी हैं. इस इच्छाधारी बाबा के बारे में यह भी बताया जा रहा है कि वह खुद को सार्इं बाबा का अवतार मानता है. बताया जाता है कि इच्छाधारी बाबा का असली नाम शिव मूरत द्विवेदी है. वह 1988 में दिल्ली के नेहरु प्लेस स्थित एक पांच सितारा होटल में गार्ड की नौकरी करता था. 12 साल में ही स्वामी भीमानंद महाराज ने करोड़ों की संपत्ति बना ली थी. इस स्वामी की संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2015 में जब्त कर ली थी.
दिल्ली के खानपुर इलाके में उसका मकान मंदिर के रूप में बदल गया. बताया जाता है कि बाबा भीमानंद के 13 बैंक खातों में उसके 90 लाख रुपये, तीन कार हैं. चित्रकूट में बना तीन मंजिल मंदिर धार्मिक कारणों की वजह से जब्त नहीं किया गया. यहां अनेक एमपी और एमएलए दर्शन के लिए आते हैं. वेश्यावृत्ति से होने वाली कमाई से ही वह लक्जरी कारों, मोबाइल और ज्वैलरी का खर्च उठाता था. दिल्ली के बदरपुर मंदिर में उसे अपना साईं मंदिर बनाया था.