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फिर गरम है रांची नगर निगम का तापमान केस उठवाने के लिए मेयर-डिप्टी मेयर साथ आये, अधिकारियों के साथ चल रही है जंग

रांची नगर निगम में तापमान एक बार फिर गरम है. इस बार मेयर आशा लकड़ा और डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय आमने-सामने नहीं, बल्कि एक साथ हैं. जंग चल रही है निगम के वरीय अधिकारियों के साथ. शनिवार को हुई बोर्ड बैठक में भी ऐसे कई मौके आये, जब मेयर-डिप्टी मेयर और अधिकारियों ने एक-दूसरे पर […]

रांची नगर निगम में तापमान एक बार फिर गरम है. इस बार मेयर आशा लकड़ा और डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय आमने-सामने नहीं, बल्कि एक साथ हैं. जंग चल रही है निगम के वरीय अधिकारियों के साथ. शनिवार को हुई बोर्ड बैठक में भी ऐसे कई मौके आये, जब मेयर-डिप्टी मेयर और अधिकारियों ने एक-दूसरे पर दोषारोपण किया. दरअसल, मामला एक केस से जुड़ा है, जिसे हटाने के लिए मेयर-डिप्टी मेयर दबाव बना रहे हैं. वहीं, सीइओ समेत निगम के अन्य अफसर अड़े हुए हैं कि वे केस नहीं उठायेंगे.
रांची: रांची नगर निगम के इंफोर्समेंट अफसरों ने 19 अगस्त को रातू रोड से पिस्का मोड़ तक अभियान चलाया था. अभियान में बिना लाइसेंस के मुर्गा बेच रहे दुकानदारों से जुर्माना वसूला गया. पिस्का मोड़ के समीप एक दुकानदार ने निगम की टीम को जुर्माना देने से इनकार कर दिया. आरोप है कि उसने अपने साथियों को बुलाकर इंफोर्समेंट अफसर और निगम की टीम पर मुर्गा काटनेवालाें ने चाकू से हमला कर दिया. इस दौरान इंफोर्समेंट अफसर और कर्मचारियों को वाहन छोड़ भागना पड़ा. निगम के वरीय अधिकारियों को मामले की जानकारी देने के बाद पंडरा ओपी में जानलेवा हमले की एफआइआर दर्ज करायी गयी. निगम द्वारा दर्ज करायी गयी एफआइआर में मारपीट करने वालों के वाहन का नंबर है. लेकिन, किसी व्यक्ति का नाम एफआइआर में नहीं लिखा गया है.
सत्ताधारी दल के नेता बना रहे हैं दबाव : बताया जा रहा है कि एक नेता नगर निगम द्वारा वाहन मालिक और अज्ञात पर किये गये केस को हटाने के लिए दबाव बना रहे हैं. उन्होंने मेयर-डिप्टी मेयर से केस हटाने के लिए कहा है. सूचना है कि केस हटाने के लिए मेयर-डिप्टी मेयर अधिकारियों के साथ नौ से अधिक बैठकें कर चुके हैं. पर निगम के अफसर केस उठाने को तैयार नहीं हो रहे हैं. निगम के कर्मचारी अफसरों के साथ हैं. इस वजह से नगर निगम दो हिस्सों में बंट गया है.
गलती निगम की टीम की थी. एक दिन पहले ही दुकान से 500 रुपये का जुर्माना वसूला गया था. निगम की टीम दोबारा उसी दुकानदार पर फाइन लेने के लिए पहुंची थी. भला छोटा दुकानदार प्रतिदिन कहां से इतना फाइन देगा. इसमें गलती दुकानदार की नहीं, निगम की टीम की है, केस भी गलत हुआ है.
आशा लकड़ा, मेयर
इंफोर्समेंट टीम केवल वसूली करने में लगी हुई है. इनके गलत कार्यों को प्रश्रय भी दिया जा रहा है. यह गलत है. हम जनप्रतिनिधि हैं. प्रतिदिन हजारों लोग अपनी शिकायत लेकर हमारे पास आते हैं. आखिर हम जनप्रतिनिधि हैं, तो हमें आम जनता के लिए आवाज तो उठाना ही पड़ेगा.
संजीव विजयवर्गीय, डिप्टी मेयर

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