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बैरगनिया व रून्नीसैदपुर में छह की मौत

बाढ़ का कहर. बेबसी के बीच जीने को मजबूर हैं जिले के बाढ़पीड़ित हजारों परिवार बैरगनिया में डायरिया से दो महिलाओं की मौत डूबने से बथनाहा, डुमरा व सोनबरसा में तीन की मौत रीगा में घर गिरने से अधेड़ की मौत सीतामढ़ी/बैरगनिया/रून्नीसैदपुर : जिले में बाढ़ से रून्नीसैदपुर व बैरगनिया की स्थिति अब भी गंभीर […]

बाढ़ का कहर. बेबसी के बीच जीने को मजबूर हैं जिले के बाढ़पीड़ित हजारों परिवार

बैरगनिया में डायरिया से दो महिलाओं की मौत
डूबने से बथनाहा, डुमरा व सोनबरसा में तीन की मौत
रीगा में घर गिरने से अधेड़ की मौत
सीतामढ़ी/बैरगनिया/रून्नीसैदपुर : जिले में बाढ़ से रून्नीसैदपुर व बैरगनिया की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है. रून्नीसैदपुर में अब भी बागमती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बागमती व लखनदेई के बाद बूढ़ी गंडक का पानी प्रवेश करने से रून्नीसैदपुर का इलाका पूरी तरह डूबा हुआ नजर आ रहा है. वहीं बैरगनिया प्रखंड के दर्जनों गांवों में अब भी बाढ़ का पानी बरकरार है. इसी बीच शनिवार को डूबने समेत अलग-अलग हादसों में छह लोगों की मौत हो गयी है. बाढ़ के पानी में डूबने से दो लोगों की मौत हुई है.
मृतकों में बथनाहा थाना के कमलदह ब्रह्मपुरी निवासी मो कयूम की पुत्री जोहरा खातून (18 वर्ष) व सोनबरसा प्रखंड के कन्हौली थाना क्षेत्र अंतर्गत मुरहाडीह निवासी कमाल मिकरानी के पुत्र एजाज मिकरानी (14 वर्ष) का नाम शामिल हैं. इसके अलावा आरक्षी केंद्र स्थित तालाब में डूबने से एक अज्ञात 14 वर्षीय किशोर की मौत हो गयी है.
वहीं बैरगनिया में बाढ़ के चलते फैले डायरिया से नंदवारा पंचायत के आदमवान पुनर्वास निवासी नागेश्वर पंडित की गर्भवती पत्नी 40 वर्षीय सीता देवी व मसहा नरोत्तम पंचायत के मुसहर टोला वार्ड 2 निवासी जगदेव मांझी की 50 वर्षीय पत्नी राजपति देवी की मौत हो गयी है. जबकी रीगा में घर गिरने से दब कर कुशमारी गांव निवासी रामनंदन साह की साह (45 वर्ष) की मौत हो गयी है. इसी बीच बैरगनिया में बाढ़ के पानी में डूब कर तीन और लोगों की मौत की चर्चा है.
नगर पंचायत बैरगनिया के वार्ड 10 धर्मशाला रोड निवासी प्रदीप प्रसाद ने अपने 20 वर्षीय पुत्र राहुल कुमार, जमुआ निवासी स्व जमादार राय की पत्नी पूनम देवी ने अपनी 7 वर्षीया पुत्री रविता कुमारी व शंभु साह ने अपनी 6 वर्षीया पुत्री अंशु कुमारी की बाढ़ के पानी में डूब कर मौत की सूचना आवेदन के माध्यम से थाने को दी है.
रून्नीसैदपुर के इब्राहिमपुर में बागमती नदी के तटबंध में कटाव जारी है. इसके चलते कई घर नदी की धार में विलीन हो गये है. दहशतजदा लोग गांव छोड़ ऊंचे जगह पर शरण लिए हुए है. जबकि पटेर व भादाडीह गांव पूरी तरह बाढ़ के पानी से घिरा है. भादा गांव में लोगों के आवागमन के लिए एक नाव मिला है. जबकि पटेर के ग्रामीण केले के थम के सहारे जान जोखिम में डाल आवागमन कर रहे हैं.
रून्नीसैदपुर के इब्राहिमपुर व खड़का में बागमती नदी में कटाव जारी
तीन नदियों की तबाही का दर्द झेल रहा रून्नीसैदपुर : रून्नीसैदपुर. तीन नदियों की तबाही झेल रहे रून्नीसैदपुर प्रखंड का बदकिस्मती से नाता टूटता नजर नहीं आ रहा है. इब्राहिमपुर व खड़का में बागमती नदी के तटबंध में कटाव जारी है. वहीं प्रखंड के प्रेमनगर, धनुषी, मानिकचौक उत्तरी, दक्षिणी व पश्चिमी पंचायत, बहिलवारा उर्फ गाढ़ा, थुम्मा, मोरसंड, बेलाही नीलकंठ, महिसार, देवना बुजुर्ग, गंगवारा बुजुर्ग व टिकौली पंचायतों में लखनदेई नदी का पानी बरकरार है.
बेलाही नीलकंठ वार्ड दो, बैठा टोला, धोबी टोला, भादाडीह व पटेर का इलाका चारों ओर से बाढ़ के पानी से घिर गया है. ओलीपुर, बिलंदपुर व गुरदौस पंचायत में बूढ़ी गंडक नदी का कहर जारी है. हजारों की आबादी एनएच 77 के किनारे शरण लिये हुए है. बड़ी संख्या में पीड़ित राहत से वंचित है. लोगों के घरों में अब भी पानी ने जगह बना रखी है.
इलाके के खेतों में लगी फसले दह गयी है. मवेशियों के लिए चारा नहीं मिल रहा है. विनाशकारी बाढ़ का कहर झेल रहे रून्नीसैदपुर प्रखंड के लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रही है. मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं. किसानों की फसलें नष्ट हो चुकी है. भादा टोला का बुरा हाल है. चारों ओर से बाढ के पानी से घिर कर टापू बने भादा टोला के निवासियों को आने जाने का एक मात्र सहारा नाव है. राहत के नाम पर प्रशासन की ओर से यहां अब तक कुछ भी उपलब्ध नही कराया जा सका है.
प्रशासन की ओर से एक छटांक चूड़ा भी नहीं मिला
रून्नीसैदपुर: स्थानीय निवासी राम विनय राम, चंदेश्वर राम, चंपा देवी, रीता देवी, सुंदर देवी व राम एकवाल मंडल की शिकायत कुछ इसी तरह की है. कहते हैं राहत के नाम पर प्रशासन की ओर से एक छटांक चूड़ा तक नही उपलब्ध कराया गया है. भाजपा की ओर से उसके कार्यकर्ताओं द्वारा एक रोज फूड पैकेट व कपड़े जरूर उपलब्ध कराये गये थे. इलाके के सारे चापाकल पानी में डूबे हुए हैं. घरों के भीतर पानी फैला हुआ है. मवेशी के लिए चारा एक गंभीर समस्या बनी हुई है.
पटेर का नाव बना कर बच्चे दूर दराज से हरी घास काट कर लाते हैं. शौच की भी समस्या भी है. नाव से ऊंचे जगहों पर शौच के लिए जाना पड़ता है. वर्षों से मनुषमारा नदी के कालापानी की सजा झेल रहे भादा टोला के वृज किशोर राम, विजय राम, सीता देवी, सुबोध राम व रेश्मी देवी बाढ़ के पानी के घरों से उतरते ही महामारी फैलने की आशंका से सशंकित है.
सोनबरसा में आंदोलन की सुगबुगाहट हुई तेज
सोनबरसा : पूरे सोनबरसा प्रखंड को पूर्ण बाढ़ प्रभावित घोषित करने की मांग को लेकर इलाके में आंदोलन की सुगबुगाहट तेज हो गयी है. प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के दर्जनों जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से पूरे प्रखंड को बाढ़ प्रभावित घोषित करने की मांग की है. अन्यथा चरणबद्ध आंदोलन, धरना, प्रदर्शन व अनशन की चेतावनी दी है. जिप सदस्य इंदू पंसस अनिल कुमार, अशोक कुमार सिंह, सुरेश कुशवाहा व सत्येंद्र कुमार महतो ने बताया कि अगर पूरा प्रखंड बाढ़ पंचायत घोषित नहीं हुआ तो
पंचायत प्रतिनिधि सामूहिक रूप से आमरण अनशन पर बैठेंगे. वहीं मुखिया बलदेव राम, राकेश रंजन, बिंदू यादव, सरपंच संघ के अध्यक्ष मधुरेंद्र कुमार, समाजिक कार्यकर्ता व सर्वजीत कुमार रवि ने बीडीओ तथा थानाध्यक्ष को आवेदन देकर संपूर्ण प्रखंड को बाढ़ प्रभावित घोषित करने की मांग की है.
प्रशासन की ओर से एक छटांक चूड़ा भी नहीं मिला
रून्नीसैदपुर: स्थानीय निवासी राम विनय राम, चंदेश्वर राम, चंपा देवी, रीता देवी, सुंदर देवी व राम एकवाल मंडल की शिकायत कुछ इसी तरह की है. कहते हैं राहत के नाम पर प्रशासन की ओर से एक छटांक चूड़ा तक नही उपलब्ध कराया गया है. भाजपा की ओर से उसके कार्यकर्ताओं द्वारा एक रोज फूड पैकेट व कपड़े जरूर उपलब्ध कराये गये थे. इलाके के सारे चापाकल पानी में डूबे हुए हैं. घरों के भीतर पानी फैला हुआ है. मवेशी के लिए चारा एक गंभीर समस्या बनी हुई है. पटेर का नाव बना कर बच्चे दूर दराज से हरी घास काट कर लाते हैं. शौच की भी समस्या भी है. नाव से ऊंचे जगहों पर शौच के लिए जाना पड़ता है. वर्षों से मनुषमारा नदी के कालापानी की सजा झेल रहे भादा टोला के वृज किशोर राम, विजय राम, सीता देवी, सुबोध राम व रेश्मी देवी बाढ़ के पानी के घरों से उतरते ही महामारी फैलने की आशंका से सशंकित है.
सोनबरसा में आंदोलन की सुगबुगाहट हुई तेज
सोनबरसा : पूरे सोनबरसा प्रखंड को पूर्ण बाढ़ प्रभावित घोषित करने की मांग को लेकर इलाके में आंदोलन की सुगबुगाहट तेज हो गयी है. प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के दर्जनों जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से पूरे प्रखंड को बाढ़ प्रभावित घोषित करने की मांग की है. अन्यथा चरणबद्ध आंदोलन, धरना, प्रदर्शन व अनशन की चेतावनी दी है. जिप सदस्य इंदू पंसस अनिल कुमार, अशोक कुमार सिंह, सुरेश कुशवाहा व सत्येंद्र कुमार महतो ने बताया कि अगर पूरा प्रखंड बाढ़ पंचायत घोषित नहीं हुआ तो पंचायत प्रतिनिधि सामूहिक रूप से आमरण अनशन पर बैठेंगे. वहीं मुखिया बलदेव राम, राकेश रंजन, बिंदू यादव, सरपंच संघ के अध्यक्ष मधुरेंद्र कुमार, समाजिक कार्यकर्ता व सर्वजीत कुमार रवि ने बीडीओ तथा थानाध्यक्ष को आवेदन देकर संपूर्ण प्रखंड को बाढ़ प्रभावित घोषित करने की मांग की है.

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