रांची : रांची नगर निगम के परिसीमन को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. शनिवार को निगम सभागार में आयोजित बोर्ड की बैठक में इस मुद्दे पर पार्षदों ने हंगामा किया. इसे निरस्त करने की मांग की. इस पर रोक नहीं लगा, तो निगम में बैठक नहीं होने देंगे. पार्षदों ने कहा कि एक साजिश के तहत जिला प्रशासन ने इस प्रकार का परिसीमन किया है. ऐसी स्थिति में वर्तमान में जो लोग पार्षद हैं, उनके लिए चुनाव जीतना मुश्किल हो जायेगा. क्योंकि हर वार्ड के सीमांकन में छेड़छाड़ की गयी है.
पार्षदों ने कहा कि इस परिसीमन से शहर की 15 लाख की आबादी भी प्रभावित होगी. होल्डिंग से लेकर निगम से जारी होने वाले सभी प्रमाण पत्रों में नये सिरे से सुधार करना होगा. पार्षदों ने निर्णय लिया कि इस मुद्दे को लेकर जल्द ही पार्षदों का एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त से मिल कर ज्ञापन सौंपेगा. इसके बाद भी परिसीमन पर रोक नहीं लगा, तो निगम में आज के बाद किसी प्रकार की बैठक नहीं होने देंगे. डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि नये परिसीमन से मैं भी अचंभित हूं. इससे जनता की परेशानी बढ़ जायेगी. बैठक में मेयर आशा लकड़ा, नगर आयुक्त शांतनु अग्रहरि, सहायक कार्यपालक पदाधिकारी रामकृष्ण कुमार, हेल्थ ऑफिसर डॉ किरण आदि मौजूद थे.
डिप्टी मेयर व नगर आयुक्त हुए आमने-सामने
बैठक में डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने नगर आयुक्त शांतनु अग्रहरि की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि वर्तमान में जो इंफोर्समेंट अफसरों की टीम बनायी गयी है, वह वसूली करने में लगी है. इनके काम करने के तरीके से ऐसा लगता है कि हम ब्रिटिश साम्राज्य के अंदर रह रहे हैं. डिप्टी मेयर ने कहा कि इस टीम को निगम के अधिकािरयों का प्रश्रय मिला हुआ है.
इसलिए ये न तो हमारी बात सुनते हैं और न ही मेयर की. ऐसे में इस टीम को तुरंत भंग कर देना चाहिए. डिप्टी मेयर ने कहा कि इन इंफोर्समेंट अधिकारियों की शिकायत के लिए उन्होंने नगर आयुक्त को फोन भी किया था, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. इस पर नगर आयुक्त ने कहा कि मेरे पास दिन भर में कई लोगों का फोन आता है. हो सकता है कि जिस समय आपका फोन आया हो, उस समय मैं मीटिंग में रहा हूंगा. इसलिए फोन नहीं उठा पाया. वैसे कुछ इमरजेंसी हो, तो आप हमें ह्वाट्सएप पर मैसेज कर सकते हैं.
कंपनी नहीं कर रही काम
पार्षदों ने सवाल उठाया कि शहर की सफाई व्यवस्था में लगी रांची एमएस डब्ल्यू कंपनी साफ-सफाई में फेल होती जा रही है. ऐसे में नगर निगम उसे रोज नये-नये वार्ड की जिम्मेवारी क्यों दे रहा है. इस पर नगर आयुक्त ने कहा कि कंपनी को 30 सितंबर तक पूरे शहर की सफाई व्यवस्था बहाल करनी है. इसलिए नये वार्ड दिये जा रहे हैं. अगर कंपनी की सफाई व्यवस्था प्राॅपर नहीं है, तो हर वार्ड में वार्ड सैनिटेशन कमेटी है. यह कमेटी अगर कंपनी की सफाई व्यवस्था से संतुष्ट नहीं होगी, तो कूड़ा उठाव के एवज में कंपनी को जो भी पैसे का भुगतान निगम को करना होगा, उस पर निगम रोक लगायेगा.